संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के साथ ही न्यूयार्क में इससे इतर भी राजनयिक गतिविधियां जारी हैं। राजनयिकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बीच एक बैठक में चीन (Human Rights Violations in China) में उइगर मुस्लिमों समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति दुर्व्यहार को लेकर चीन के विरुद्ध कार्रवाई की मांग पर जोर दिया गया है। इस पर बीते 31 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भी जारी हुई है, जिसमें चीन (China) में मानवाधिकार के उल्लंघन का विस्तार से वर्णन किया गया है।
चीन पर लगाम जरूरी
न्यूयार्क में सोमवार को अटलांटिक काउंसिल एंड ह्यूमन राइटवाच द्वारा आयोजित फोरम पर चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में अल्पसंख्यक अधिकारों के संपर्ककर्ता फर्नांड वरेनेस ने कहा कि चीन (China) में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर निष्क्रियता अब ज्यादा संभव नहीं है। अगर हमने इस मामले को बिना कार्रवाई के छोड़ दिया तो क्या संदेश जाएगा। इसी तरह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के उप राजदूत जेफरी प्रेसकोट ने कहा कि अगर इस मामले पर कुछ निर्णय न हुआ, तो इस अंतरराष्ट्रीय संस्था की गरिमा पर ठेस पहुंचेगा।
उइगर महिलाओं से यौन दुर्व्यहार?
चीन (China) के शिनजियांग प्रांत में वर्षों से अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों व अन्य समुदायों को प्रताडि़त करने व उनके विरुद्ध अत्याचार की घटनाएं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व मीडिया द्वारा उठाई जाती रही है। उइगरों को अवैध रूप से शिविरों में रखकर उनसे बंधुआ मजदूरी कराने, महिलाओं से यौन दुर्व्यहार आदि की रिपोर्ट लगातार आती रही हैं।