लॉकडाउन में समंदर में लगा ट्रैफिक जाम, शंघाई बंदरगाह पर फंसे हजारों जहाज

चीन में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर आर्थिक राजधानी शंघाई में पड़ा है. कोरोना के कारण शंघाई पिछले एक महीने से लॉकडाउन में है. सड़कों से ट्रैफिक नदारद है, सिर्फ पुलिस-प्रशासन और जरूरी सेवाओं में लगे लोगों को ही बाहर निकलने की इजाजत है. इस कारण पूरे शंघाई में आर्थिक गतिविधियां भी पूरी तरह से बंद हो गई हैं. लॉकडाउन (Lockdown) का सबसे बुरा असर शंघाई बंदरगाह (Shanghai Port) पर देखने को मिल रहा है. यहां बड़ी संख्या में मालवाहक जहाज खड़े होने के कारण पूर्वी चीन सागर में अघोषित ट्रैफिक जाम लग गया है.

शंघाई पोर्ट पर हर तरफ खड़े दिख रहे जहाज
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही तस्वीरों में शंघाई बंदरगाह पर जहाजों की उपस्थिति को दिखाया जा रहा है. इस कारण पूरा बंदरगाह मालवाहक जहाजों की बढ़ती संख्या से भर गया है. बंदरगाह से कई किलोमीटर दूर खुले समुद्र में भी जहाज खड़े नजर आ रहे हैं. माल उतारने और चढ़ाने की इजाजत न होने के कारण जहाज के क्रू भी खुले समुद्र में फंसे हुए हैं.

कई जहाजों पर खत्म हो रहा खाने-पीने का स्टॉक
कई जहाजों पर तो खाने-पीने और दैनिक जरूरतों की चीजों की भी कमी होने लगी है. इसके बावजूद चीन अपने सख्त नियमों में बिलकुल भी ढील देने को तैयार नहीं है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन जहाजों को बंदरगाह पर आने या बंदरगाह पर खड़े जहाजों को बाहर जाने की इजाजत कब दी जाएगी.

बड़े पैमाने पर हो रही टेस्टिंग
कोरोना के कारण शंघाई प्रशासन ने बाहरी लोगों के शहर में आने पर रोक लगा रखी है. शहर के लोगों को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. पूरे शहर में बड़े पैमाने पर लोगों की टेस्टिंग की जा रही है. इतना ही नहीं, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के जरिए क्वारंटीन क्षेत्रों की निगरानी किया जा रहा है. बाहर निकलने वाले लोगों को ड्रोन और हेलीकॉप्टरों पर लगे स्पीकरों के जरिए चेतावनी भी दी जा रही है. इतना ही नहीं, अगर किसी इलाके में ज्यादा लोगों की मौजूदगी का पता चलता है को वहां स्थानीय पुलिस को तुरंत भेजा जा रहा है.

हेल्थ सिस्टम पर बढ़ रहा बोझ
शंघाई में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ काफी बढ़ गया है. हल्के-फुल्के लक्षण होने के बावजूद लोगों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है, जिस कारण मरीजों को बेड मिलने में मुश्किल हो रही है. शंघाई के अधिकारियों ने कोरोना से कोई मौत नहीं होने की सूचना दी है, लेकिन डेटा की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं.

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