दुनिया को अपनी विस्तारवादी नीति से सांसत में डालने वाले चीन पर बाढ़ के बाद अब कुदरत की दोहरी मार पड़ने वाली है। पूर्वी चीन में तूफान के कारण भारी बारिश की आशंका के चलते संवेदनशील तटीय क्षेत्रों को खाली कराया जा रहा है। तूफान के चलते 90 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार की हवाएं चल रही हैं और यह 25 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
चीन के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि Hagupit तूफान झेजियांग और फुजियान प्रांतों के बीच समुद्र तट से टकरा सकता है। यही नहीं इसका असर शंघाई में भी महसूस हो सकता है। तूफान से दहशत का आलम यह है कि फुजियान में समुद्र तटों पर मछली पकड़ने में लगे लोगों को निकाला गया है। यही नहीं पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया है। निर्माण स्थलों को कामकाज रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं।
मछुआरों से मछली पकड़ने की नौकाओं के साथ समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है। वैसे चीन में इस साल तूफान का मौसम अपेक्षाकृत हल्का रहा है। तूफान ‘Hagupit ‘ का खतरा ऐसे वक्त में सामने आया है जब देश के अधिकतर हिस्से अभी भी असामान्य बारिश के कारण आई बाढ़ से उबरने का प्रयास कर रहे हैं। चीन ने बीते 6 दशकों में इतनी अधिक बरसात पहले कभी नहीं देखी थी जिसके कारण यहां के तमाम शहर जलमग्न हो गए हैं।
बाढ़ के कारण इस साल चीन को 8 अरब डॉलर से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है। बीते दिनों बड़ी नदियों के आसपास के क्षेत्रों में जून महीने से बाढ़ की वजह से बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और करीब 20 लाख लोगों को घरबार छोड़ना पड़ा है। बाढ़ के कारण सीधे तौर पर 49 अरब युआन से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। बाढ़ के कारण करीब 28,000 घरों को नुकसान पहुंचा है।