छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का निधन

विधानसभा उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर के विधायक मनोज मंडावी का निधन हो गया. बीती रात वह धमतरी के सर्किट हाउस में ठहरे थे. बेचैनी और सीने में तकलीफ के बाद डॉक्टरों को बुलाया गया. प्रारम्भिक जांच में ही डॉक्टरों ने उनके निधन होने की पुष्टि कर दी. मंडावी का निधन हार्ट अटैक से होना बताया जा रहा है.

पीसीसी चीफ समेत कार्यकारिणी ने जताया शोक

विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन पर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और उनकी पूरी कार्यकारिणी ने शोक जताया है. मोहन मरकाम ने गहरा दुख जताते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धाजंली अर्पित की. मरकाम ने कहा कि उनके निधन से कांग्रेस ने असीम सम्भावनाओ से भरा अपना कर्मठ नेता खो दिया. वे आदिवासी समाज की मजबूत आवाज थे. उनका इस तरह जाना हृदय विदारक है. ईश्वर उनके परिजनों को इस वज्राघात को सहने की शक्ति दे. प्रदेश प्रभारी महामंत्री अमरजीत चावला ने भी मंडावी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की.

मनोज मंडावी का राजनीतिक सफर-

मनोज मंडावी का जन्म 14 नवंबर 1964 को एक साधारण परिवार में हुआ था. इनकी राजनीतितक सफर की शुरुआत 1998 में हुई थी. 1998 में वे पहली बार वे म.प्र. विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
-वरिष्ठ उपाध्यक्ष युवा कांग्रेस म.प्र.

1998-2000 सदस्य- एस.सी., एस.टी., परिवहन, आदिवासी मंत्रणा समिति मध्यप्रदेश शासन
2000 राज्यमंत्री गृह, जेल, परिवहन, लोक निर्माण, नगरीय प्रशासन, विधि विधायी, आवास, विमानन
-अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद

2013 में दूसरी बार छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
2014-2015 सदस्य, विशेषाधिकार समिति, छत्तीसगढ़ विधान सभा
2015-2016 सदस्य, गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों संबंधी समिति, छ.ग. विधान सभा
2017-2018 सदस्य, प्रत्यायुक्त विधान समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, छ.ग. विधान
2018 तीसरी बार छ.ग. विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
2018-2019 सदस्य, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति, पटल पर रखे गये पत्रों के परीक्षण करने संबंधी समिति, छ.ग. विधान सभा
2019-2020 सभापति, प्राक्कलन समिति, छ.ग. विधान सभा
2019 से उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधान सभा
2020-21 विशेष आमंत्रित सदस्य, कार्य मंत्रणा समिति, छत्तीसगढ़ विधान सभा.

बता दें 2018 चुनाव में मनोज मंडावी ने 26693 वोटों से जीत दर्ज की थी. साल 2000 में वे गृह, जेल, परिवहन, लोक निर्माण, नगरीय प्रशासन मंत्री बनाए गए थे. 2013 और 2018 में लगातार दो बार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे. वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे. मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे. प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा. उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है. मुख्यमंत्री ने मनोज सिंह मंडावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.

रो पड़े मंत्री लखमा

वहीं मनोज मंडावी के बारे में बताते-बताते मंत्री कवासी लखमा रो पड़े. मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और कद्दावर आदिवासी नेता मनोज मंडावी के निधन का बेहद दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शान्ति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करें. मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं.

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