5 जून को साल का दूसरा Grahan लगने जा रहा है। इससे पहले साल का पहला Chandra ग्रहण 10 जनवरी को लगा था। एक बार फिर Chandra Grahan लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण लगने की घटना को अच्छा नहीं माना जाता है।
5 जून को लगने वाला Chandra Grahan वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुभ नहीं है। इसलिए वृश्चिक राशि वालों को विशेष सर्तकता बरतने की जरुरत है। वहीं यह Chandra Grahan उपछाया ग्रहण होगा। जो 5 जून की रात 11 बजकर 15 मिनट से लेकर अगले दिन रात के 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। Chandra Grahan के समय चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा। इस प्रकार से यह ग्रहण 3 घंटे 18 मिनट का होगा। रात 12:54 बजे इसका सबसे अधिक प्रभावी होगा। वृश्चिक राशि के जातकों को ग्रहण से होने वाले अशुभ प्रभावों से बचने के लिए भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
5 जून को लगने जा रहे Chandra Grahan का सूतक काल मान्य नहीं है। उपच्छाया Chandra Grahan होने के कारण इसमे सूतक काल नहीं होगा।
खगोलीय घटनाओं के अनुसार इस वर्ष यानि वर्ष 2020 में 6 ग्रहण लगेंगे। पहला ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है और दूसरा 5 जून को लगने जा रहा है। इसके बाद इसी माह यानि 21 जून को ही तीसरा ग्रहण जो सूर्य ग्रहण है लगेगा।
जून का माह बहुत ही विशेष है इस माह में दो ग्रहण लग रहे हैं। खास बात ये हैं कि चंद्र और सूर्य ग्रहण दोनों ही इस माह लग रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये ग्रहण देश और दुनिया में उथल पुथल की स्थिति बना सकते हैं। चंद्रमा पर ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी चंद्रमा के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाती है।