देश को पहला ऑस्कर अवॉर्ड दिलाने वाली सेलिब्रेटेड फ़िल्म डिज़ाइनर Bhanu Athaiya का 91 साल की उम्र में निधन हो गया। फ़िल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान को याद करते हुए सोशल मीडिया में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। Bhanu Athaiya ने ब्रिटिश फ़िल्म गांधी में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग के लिए एकेडमी अवॉर्ड जीता था।
मीडिया रिपोर्ट्स में Bhanu Athaiya की बेटी राधिका गुप्ता के हवाले से बताया गया है कि उनका निधन उम्र संबंध समस्याओं की वजह से गुरुवार सुबह कोलाबा स्थित आवास पर हुआ। उन्हें हल्का बुखार और खांसी थी और एंटीबायोटिक दवाइयां ले रही थीं। Bhanu Athaiya का जन्म कोल्हापुर में 28 अप्रैल 1929 को हुआ था। उनका असली नाम भानुमति अन्नासाहेब राजोपाध्ये था।
सीआईडी से स्वदेस तक…
Bhanu Athaiya ने बतौर कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर 100 से अधिक फ़िल्मों में काम किया। अपना करियर देव आनंद की फ़िल्म CID से 1956 में शुरू किया था। इसके बाद हिंदी सिनेमा के गोल्ड एरा में उन्होंने गुरु दत्त की प्यासा, चौदवीं का चांद और साहिब बीवी और गुलाम जैसी फ़िल्मों के कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग की। पांच दशक से अधिक के करियर में Bhanu Athaiya ने कई बेहतरीन फ़िल्मों में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर के तौर पर काम किया। बाद में आमिर ख़ान की लगान, शाह रुख़ ख़ान की स्वदेस जैसी फ़िल्मों से उनका नाम जुड़ा। स्वदेस उनकी आख़िरी फ़िल्म है।
Bhanu Athaiya का नाम गांधी के साथ इंटरनेशनल फ़िल्म समुदाय में गूंजा, जब 1982 की रिचर्ड एटनबरो की फ़िल्म गांधी के लिए उन्हें एकेडमी Awards दिया गया था। उन्होंने यह अवॉर्ड जॉन मोलो के साथ साझा किया था। 2010 में अथैया ने अपनी किताब द आर्ट ऑफ़ कॉस्ट्यूम डिज़ाइन रिलीज़ की, जिसे हारपर कोलिंस ने प्रकाशित किया था।
Bhanu Athaiya ने 1991 लेकिन और 2002 में लगान के लिए नेशनल फ़िल्म पुरस्कार भी जीता था। 2009 में हुए फ़िल्मफेयर Awards समारोह में लाइफ़टाइम अचीवमेंट Awards से नवाज़ा गया था।
इस वजह से लौटा दी ऑस्कर ट्रॉफी
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि 2012 में उन्होंने अपना एकेडमी Awards लौटाने की इच्छा ज़ाहिर की थी। उन्हें डर था, मौत के बाद परिवार उनकी ट्रॉफी की देखभाल नहीं कर पाएगा। 15 दिसम्बर 2012 को इस बात की पुष्टि हुई थी कि उन्होंने अपनी ट्रॉफी द एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज को लौटा दी है ।