होली का त्योहार 25 मार्च को है। लेकिन हर साल की तरह भगवान कृष्ण की जन्मभूमि ब्रज में पहले से ही होली मनाई जाएगी। यहां पर पूरे जोरशोर और धूमधाम से Holi मनाई जाती है। देश-विदेश से कई लोग और फोटोग्राफर इस अनोखी Holi को अपने मन में या कैमरे में कैद करने आते हैं। लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठमार होली से लेकर रंगों वाली Holi तक कई तरह से होली मनाई जाती है। बता दें कि ब्रज में होली डेढ़ महीने तक मनाई जाती है।
लड्डू की होली: राधारानी की नगरी बरसाने में लड्डू की Holi 22 मार्च को खेली जाएगी। इस दिन राधा रानी के गांव बरसाना में फाग आमंत्रण का उत्सव मनाया जाएगा। इसके बाद लड्डू लुटा कर लड्डू की Holi मनाई जाती है।
लट्ठमार होली: ब्रज की लट्ठमार होली भी काफी प्रसिद्ध है। लट्ठमार होली 23 मार्च को बरसाना में ही नंदगांव के हुरयारों संग खेली जाएगी। नंद गांव में लट्ठमार Holi अगले दिन यानी 24 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली खेली जाएगी।
फूलों की होली और रंगभरनी होली: 25 मार्च को मथुरा के श्री द्वारकाधीश मंदिर में कई तरह के रंग बिरंगे और सुगन्धित फूलों से Holi खेली जाएगी। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में 25 मार्च को ही रंगभरनी Holi मनाई जाएगी।
छड़ीमार होली: 26 मार्च को गोकुल में छड़ीमार Holi मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गोकुल में भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में रहे थे इसलिए कान्हा को लाठी से चोट लग सकती थी। उन्हें ज्यादा चोट न लगे इसलिए छड़ी से होली खेलती हैं।
गुलाल की होली: 27 मार्च को वृंदावन में अबीर और गुलाल से Holi मनाई जाएगी। इस दिन विधवाएं रंगों वाली Holi खेलेंगी।