JNU में फिर बवाल, अब दीवारों पर लिखा- ब्राह्मणों भारत छोड़ो; VC बोले – यह बर्दाश्त नहीं करेंगे

जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण और बनियों के खिलाफ जातिसूचक नारे लिखे जाने के बाद बवाल बढ़ता जा रहा है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की कुलपति (JNU VC) प्रोफेसर शांतिश्री डी पंडित ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं. जेएनयू प्रशासन ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है. कहा है, ‘कैंपस में इस तरह की अलगाववादी गतिविधियां बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. JNU सभी का है.’ JNU Teachers Forum ने भी इसके खिलाफ रोष जताया है.

जेएनयू वीसी Shantishree D Pandit ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (SIS) और ग्रीवान्सेस कमेटी के डीन को जल्द से जल्द मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. रजिस्ट्रार ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘जेएनयू समावेशिता और समानता के लिए खड़ा है. वीसी JNU Campus में किसी भी तरह की हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी रखती हैं.’

JNU Wall Defancement मामला क्या है?
गुरुवार, 01 दिसंबर 2022 को अज्ञात लोगों ने जेएनयू कैंपस में जगह-जगह दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिख दिए. कुछ नारे बेहद भड़काऊ थे- ‘ब्राह्मण कैंपस छोड़ो’, ‘हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं’, ‘शाखा वापस जाओ’, ‘हम बदला लेंगे’, ‘खून खराबा होगा’.

इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं. जेएनयू टीचर्स फोरम ने भी कुछ फोटो ट्विटर पर शेयर किए हैं. पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है- ‘जबकि वामपंथी उदारवादी गैंग हर असहमत आवाज को डराने-धमकाने का काम करते हैं, वे ऐसा EC प्रतिनिधि चुनने की भी अपील करते हैं जो पारस्परिक सम्मान, नागरिक मूल्य स्थापित करे और सबको समान ट्रीटमेंट दे. गुंडागर्दी का बेहद निंदनीय काम.’

RSS का स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) जेएनयू प्रेसिडेंट रोहित कुमार ने कहा, ‘कम्युनिस्टों ने जेएनयू के एसआईएस-2 की बिल्डिंग की दीवारों पर ये गालियां लिखी हैं. उन्होंने आजाद ख्यालों वाले प्रोफेसर्स को उकसाने के लिए उनके चैंबर्स पर भी भड़काऊ नारे लिखे हैं. शैक्षणिक जगहों का इस्तेमाल डिबेट, डिस्कशन के लिए होना चाहिए. न कि समाज और स्टूडेंट कम्युनिटी में जहर फैलाने के लिए.’

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस पूरे प्रकरण पर जेएनयू प्रशासन की ओर से आधिकारिक बयान आया है. जेएनयू ने कहा, ‘कुलपति ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और संकाय कक्षों को विकृत करने की घटना को गंभीरता से लिया है. स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड शिकायत कमेटी के डीन को जल्द से जल्द जांच करने और वीसी को एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है. वीसी ने कहा है कि क्योंकी जेएनयू सभी का है, इसलिए ऐसी घटनाओं को यहां बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दीवारों पर लिखे नारों में से कुछ नारे हैं, ‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो’, ‘रक्तपात होगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ और ‘ब्राह्मणों और बनिया, हम तुम्हारे पास बदला लेने आ रहे हैं’. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से सबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) ने इस प्रकरण के लिए वाम पक्ष को जिम्मेदार ठहराया है. जेएनयू शिक्षकों के संगठन ने भी तोड़-फोड़ की ट्वीट कर निंदा की है और इसके लिए ‘वामपंथी उदारवादी गिरोह’ को जिम्मेदार ठहराया है.

एवीबीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा, ‘एवीबीपी शैक्षणिक परिसर में वामपंथी गुंडों द्वारा की गई तोड़-फोड़ की निंदा करती है. वामपंथियों ने जेएनयू स्थित स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय की इमारत पर अपशब्द लिखे हैं. उन्होंने मुक्त सोच रखने वाले प्रोफेसरों के धमकाने के लिए उनके चेंबर को विकृत किया है.’ उन्होंने कहा, ‘शैक्षणिक स्थान का इस्तेमाल बहस और चर्चा के लिए की जानी चाहिए न कि समाज और विद्यार्थियों में वैमनस्य पैदा करने के लिए.’

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