bird flu india

भारत में क्यों आ जाता है बर्ड फ्लू, जानिए फैलने की वजह?

कोरोना वायरस महामारी से तो पिछले 1 साल से जूझ ही रहे थे कि एक बार फिर Bird Flu ने भारत में दस्तक दे दी है। राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और हिमाचल में कुछ ज़िलों से Bird Flu के मामले सामने आए हैं। हिमाचल में जंगली गीज़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में कौवे, केरल में बत्तखों, तो हरियाणा में पोल्ट्री पक्षियों की रहस्यमय मौत की सूचना मिली है। जिसके बाद से इन राज्यों में Bird Flu का अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बर्ड फ्लू कैसे फैलता है?

जंगली पानी के पक्षी जैसे बत्तख और गीज़ प्राकृतिक तौर पर ही इन्फ्लुएंज़ा-ए वायरस कैरी करते हैं। कई पक्षियों के शरीर में ये फ्लू मौजूद होता लेकिन वे इससे बीमार नहीं पड़ते और मल के ज़रिए वायरस को शरीर से निकाल देते हैं। क्योंकि पक्षी उड़ते समय भी मलत्याग करते हैं, इसलिए इंफ्लुएंज़ा वायरस दुनियाभर में आसानी से फैलने लगता है। खासतौर पर लंबा सफर तय करने वाले प्रवासी पक्षी फ्लू को अपने साथ ले जाते हैं जिससे ये पोल्ट्री और स्थानीय पक्षियों तक फैल जाता है। कई बार ये वायरस सुअर, घोड़े, बिल्ली और कुत्तों में भी फैल जाता है।

भारत में बर्ड फ्लू

भारत में अभी तक इंसानों में Bird Flu का एक भी मामला सामने नहीं आया है। पशु विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2006 से लेकर 2015 तक 15 राज्यों में पोल्ट्री में H5N1 बर्ड फ्लू के 25 एपिसोड पाए गए। आपको बता दें कि 2006 में देश में पहली बार महाराष्ट्र और गुजरात में Bird Flu के मामले देखे गए थे। इसे कौओं में भी देखा गया है। भारत में Bird Flu प्रवासी पक्षियों के ज़रिए भी आता है।

इंसान कब से बर्ड फ्लू से संक्रमित होने लगे?

देश में Bird Flu पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि ये सदियों से दुनिया भर में पोल्ट्री को प्रभावित करता आया है। इस संक्रमण को रोकने के लिए फ्लू से संक्रमित पक्षियों को मारा जाता है, जो इस संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका है। लेकिन साल 1997 में पहली बार इंसानों में Bird Flu देखा गया। ये फ्लू हांगकांग के एक जीवित पक्षी बाज़ार से फैलना शुरू हुआ था। 18 लोग इस फ्लू की चपेट में आए थे जिनमें से 6 की मौत हो गई थी।


कुछ सालों बाद ये संक्रमण दोबारा उभर कर आया और दुनियाभर में सैकड़ों इंसानों की मृत्यु का कारण बना विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में। संक्रमित मुर्गों और प्रवासी पक्षियों की आवाजाही और अवैध पक्षी व्यापार को इस वायरस के फैलने का कारण माना जाता है। इस दौरान बिल्लियां और शेर भी इस वायरस से संक्रमित पाए गए थे।

क्या बर्ड फ्लू इंसानों में आसानी से फैल जाता है?
नहीं ये इंसानों में आसानी से नहीं फैलता। आमतौर पर अगर इंसान किसी ऐसे पक्षी के संपर्क में आए जो H5N1 से संक्रमित हो (ज़िंदा या मृत), तो उन्हें भी Bird Flu हो सकता है। WHO के अनुसार, आमतौर पर बर्ड फ्लू एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलता। ऐसे भी कोई मामले सामने नहीं आए हैं, जहां लोगों को अच्छी तरह पकाए हुए मुर्गे या उसके अंडे खाकर बर्ड फ्लू हुआ हो। ये वायरस गर्म तापमान सहन नहीं कर सकता, इसलिए पकाए जाने पर मर जाता है।
फिर क्यों बर्ड फ्लू से डर रहे हैं लोग?

H5N1 एक गंभीर और जानलेवा वायरस है, जिसकी वजह से 10 में 6 इंसानों अभी तक मौत हो चुकी है। अगर वायरस म्यूटेट हो जाता है और अपने आकार में बदलाव कर इंसानी सेल को पकड़ लेता है और इंसान से इंसान में आसानी से फैलने लगता है, तो ये एक महामारी का रूप भी ले सकता है। फ्लू के वायरस आसानी से म्यूटेट कर जाते हैं, क्योंकि उनमें खंडित जीनोम होता है। अभी तक हम जितने भी फ्लू के बारे में जानते हैं, जैसे मौसमी फ्लू और Coronavirus, इसी तरह म्यूटेट करके पक्षियों से इंसानों में फैलने शुरू हो गए।
बर्ड फ्लू के लक्षण

  • लगातार कफ रहना
  • नाक बहना
  • सिर में दर्द रहना
  • गले में सूजन
  • मांसपेशियों में दर्द
  • दस्त
  • हर वक्‍त उल्‍टी या मतली का महसूस होना
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
  • सांस लेने में समस्या के साथ निमोनिया हो सकता है।
  • कंजंक्टिवाइटिस (आंख का इंफेक्शन)

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1