देश के 9 राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. ये चुनाव साल 2024 के लोकसभा की तस्वीर पेश कर सकते हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि इन चुनावों में कौन सी पार्टी जीतकर सभी को चौंकाती है. बीजेपी और कांग्रेस के साथ-साथ क्षेत्रीय दल चुनावों को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं. इन्हें विधानसभा चुनावों में पता चल जाएगा कि कौन कितने पानी में है. अगले साल छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, त्रिपुरा, और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होंगे और नई सरकार चुनी जाएगी. ये चुनाव सभी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ साख का सवाल भी बने हुए हैं.
राजस्थान में साल 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी के हाथों से सत्ता छीन ली. उसने 200 में से 100 सीटें जीत ली थीं. साल 2013 में बीजेपी ने 163 सीटें जीती थीं, जबकि वह साल 2018 में महज 73 सीटें ही जीत सकी. राज्य अब फिर 2023 में बीजेपी-कांग्रेस की बीच का चुनावी युद्ध देखने को तैयार है. साल 1990 से राजस्थान में सत्ता बीजेपी-कांग्रेस के बीच झूलती रही है. हालांकि, सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के आपसी मतभेद ने साल 2023 के चुनाव में कांग्रेस की राह कठिन कर दी है.
छत्तीसगढ़ में हुआ था बीजेपी का सूपड़ा साफ
छत्तीसगढ़ में साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी का सूपड़ा साफ किया और 90 में से 68 सीटें जीतीं. इस तरह कांग्रेस ने बीजेपी के 15 सालों का राज खत्म कर दिया था. बीजेपी को इस चुनाव में महज 15 सीटें ही मिली थीं. कांग्रेस ने इस साल भानूप्रतापपुर उपचुनाव की सीट पर अपना कब्जा काबिज रखा.
एमपी जीतकर भी कांग्रेस ने खो दी थी सत्ता
साल 2018 में ही कांग्रेस ने मध्य प्रदेश से बीजेपी का 15 साल पुराना राज्य छीन लिया था. उसे 230 सीटों की विधानसभा में से 114 सीटें जीत ली थीं. कांग्रेस निर्दलीयों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. हालांकि, दो साल बाद ही शिवराज सिंह चौहान एक फिर सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हुए. क्योंकि, उस वक्त केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे.
कर्नाटक में कांग्रेस ने जीतकर भी खाई मात
कर्नाटक में बीजेपी ने सबसे बड़ी बार्टी बनकर तो उभरी, लेकिन 224 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत हासिल नहीं कर सकी. उसके बाद कांग्रेस और जनता दल (एस) ने मिलकर सरकार बना ली. एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया. लेकिन, 14 महीने बाद ही 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद कुमारस्वामी की सरकार गिर गई. साल 2019 में बीएस येदियुरप्पा दोबारा सत्ता में आए और मुख्यमंत्री बने. पिछली साल जुलाई में उनके इस्तीफे के बाद बरवराज बोम्मई सीएम बने.
तेलंगाना में जड़ें जमा रही बीजेपी
के. चंद्रशेखरराव की तेलंगाना राष्ट्र समिति पिछले दो बार के विधानसभा चुनाव जीती है. इस पार्टी ने राजनीतिक पहलू से महत्वपूर्ण मुनूगोड सीट पर भी अपना कब्जा कर लिया. यहां बीजेपी अपनी जड़ें तेजी से जमा रही है. उसने तेलंगाना राष्ट्र समिति को कड़ी टक्कर दी है. यहां कांग्रेस का नामो-निशान ढूंढना मुश्किल है.
त्रिपुरा में बीजेपी को मिल सकती है कड़ी चुनौती
साल 2018 में 35 सीटें जीतकर बीजेपी ने त्रिपुरा में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया. लेकिन, उसके और विपक्ष की जीत का अंतर 2 फीसदी से कम था. इसलिए बीजेपी फिर इस चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. पार्टी ने चुनाव के मद्देनजर 30 पैनल गठित किए हैं.
मेघालय में संघर्ष करेंगी बीजेपी-कांग्रेस
मेघालय में साल 2018 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन 60 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत हासिल नहीं कर सकी. क्योंकि, दो सीटें जीतने वाली बीजेपी ने नेशनल पीपुल पार्टी (NPP) के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनवा ली थी. लेकिन, इस साल एनपीपी ने घोषणा की है कि वह साल 2023 का चुनाव अकेले लड़ेगी.
नागालैंड में एनडीपीपी के साथ चुनाव लड़ेगी बीजेपी
नाागलैंड में बीजेपी ने नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) से हाथ मिलाया और साल 2018 में सरकार बना ली. साल 2023 के चुनाव में बीजेपी 20 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी और 40 सीटों पर एनडीपीपी का समर्थन करेगी.
मिजोरम में एमएनएफ फिर मार सकती है बाजी
मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) की सरकार है. उसने साल 2018 के चुनाव में 40 में से 26 सीटें जीतकर कांग्रेस को 5 सीटों पर समेट दिया था. एमएनएफ केंद्र में एनडीए की सहयोगी पार्टी है. वहीं, वह राज्य में भी बीजेपी के साथ गठबंधन में है. साल 2018 में बीजेपी यहां खाता खोलने में सफल रही. लेकिन, मिजोरम बीजेपी प्रमुख वैनलालमौका ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.