स्टार्ट-अप और उद्यमियों को एमएसएमई माइंडेड बनाना समय की मांग

मंगलवार 20 दिसंबर 2022 को एमएसएमई डेवलपमेंट एंड फेसिलिटेशन ऑफिस, पटना के सहयोग से चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना में एमएसएमई सस्टेनेबल ज़ेड सर्टिफिकेशन स्कीम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन CIMP स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन फाउंडेशन (CIMP-BIIF) द्वारा हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में किया गया था। इस कार्यक्रम में माननीय मुख्य अतिथि श्री प्रदीप कुमार, आईईडीएस, निदेशक एमएसएमई डीएफओ, पटना और अन्य प्रतिष्ठित अतिथि सह वक्ता, श्री एस के वर्मा (सहायक निदेशक, एमएसएमई डीएफओ, पटना), श्री नवीन कुमार आईईडीएस (सहायक निदेशक, एमएसएमई, डीएफओ, पटना) और डॉ हनीफ मेलवती (निदेशक केवीआईसी, पटना) उपस्थित थे।

इस सत्र में CIMP के स्टार्टअप , छात्रों और MSME आवेदकों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रो. राजीव वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर सीआईएमपी ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें उन्होंने आयोजन के उद्देश्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के तहत मेजबान संस्थान होने के नाते सीआईएमपी को ZED योजना, “जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट” पर जागरूकता सत्र आयोजित करने के लिए चुना गया है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बिना किसी बाधा के आपूर्ति श्रृंखला के अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने और प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए एक एकीकृत और समग्र प्रमाणन और हैंडहोल्डिंग योजना है।

इस अवसर पर श्री एस के वर्मा, सहायक निदेशक एमएसएमई डीएफओ पटना ने भारत में प्रमाणन के पुराने संस्करणों और नए स्थायी जेडईडी प्रमाणीकरण के बीच अंतर पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जेडईडी प्रमाणन के तहत तीन प्रकार के प्रमाण पत्र उपलब्ध हैं, जिनमें कांस्य, चांदी और स्वर्ण प्रमाण पत्र शामिल हैं, जिनका अनुपालन क्रमशः 5, 14 और 20 के बीच है।

अगले वक्ता थे श्री नवीन कुमार, आईईडीएस (सहायक निदेशक, एमएसएमई डीएफओ, पटना) उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि एमएसएमई आसानी से अपने उद्यम पंजीकरण का उपयोग करके ZED मोबाइल ऐप के माध्यम से ZED प्रमाणन के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बुनियादी स्तर के प्रमाणन यानी कांस्य प्रमाणन में कोई शुल्क भी शामिल नहीं है और इसके लिए आवेदन करना सबसे आसान है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में अब तक 17 एमएसएमई को ब्रॉन्ज सर्टिफिकेशन मिल चुका है।

अगले वक्ता डॉ. हनीफ मेलवती (निदेशक केवीआईसी, पटना) थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल ZED सर्टिफिकेशन स्कीम आत्मानिर्भर भारत के विजन को प्रोत्साहन देती है और भारत में एमएसएमई को उत्पादन और आपूर्ति के लिए सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं को अपनाने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि ZED प्रमाणन का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की तर्ज पर भारत में उद्यमिता के क्षेत्र में एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। ZED प्रमाणन भारतीय MSMEs को विदेशी बाजारों में अपनी वस्तुओं का निर्यात करने की अनुमति देता है और इस प्रकार अधिक से अधिक विदेशी मुद्रा भारत में वापस लाता है।

अगले वक्ता श्री प्रदीप कुमार, IEDS (निदेशक MSME DFO, पटना) थे। उन्होंने भारत में निर्यात क्षेत्र में एमएसएमई की हिस्सेदारी पर प्रकाश डाला, जो लगभग 40% है। उन्होंने कहा कि ZED प्रमाणित MSMEs को MSME मंत्रालय, केंद्र सरकार व् राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न प्रोत्साहन दिए जाते हैं। इसके अलावा, प्रमाणित एमएसएमई अंतरराष्ट्रीय मेलों में भाग लेने के लिए सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप और उद्यमियों को एमएसएमई माइंडेड बनाना समय की मांग है।

अगले वक्ता डॉ. राणा सिंह (निदेशक CIMP) थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने डब्ल्यूआईपीओ, 2022 के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में वर्तमान 40वें स्थान को प्राप्त करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई पदों की छलांग लगाई है। उन्होंने गुणवत्ता और नवाचार विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता एक यात्रा है, गंतव्य नहीं और समय और गुणवत्ता के संबंध में उत्पादन और निवेश के अनुपात को हम उत्पादकता कहते हैं। एमएसएमई प्रमाणन कार्यक्रम गुणवत्ता सुनिश्चित करके एमएसएमई की उत्पादकता को बढ़ावा देगा। उन्होंने एमएसएमई डीएफओ पटना के श्री प्रदीप कुमार और उनकी टीम और अन्य अतिथियों को उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए फिर से धन्यवाद दिया।

उसके बाद, श्री नवीन कुमार द्वारा MSME सस्टेनेबल ZED प्रमाणन योजना पर तकनीकी सत्र के दौरान एक प्रस्तुति दिखाई गयी जिसमें इसकी आवेदन प्रक्रिया को दर्शाया गया। जिसके बाद प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब श्री नवीन कुमार और उनकी टीम ने दिया। .
कार्यक्रम का समापन श्री कुमोद कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। अंत में अतिथियों को सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।

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