समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को गुरुवार को तगड़ा झटका लगा. अब आजम खान कभी वोट भी नहीं दे सकेंगे. उनका वोटर लिस्ट से नाम ही काट दिया जाएगा. नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा मिलने के कारण उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई थी. अब निर्वाचन आयोग ने उनसे मतदान का अधिकार छीन लिया है. उनका नाम मतदाता सूची से हटाने के आदेश दिए गए हैं.
निर्वाचन आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 16 के तहत यह कार्रवाई की है. रामपुर सदर सीट के उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का हवाला देते हुए आजम का मताधिकार छीनने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. रामपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना के प्रार्थना पत्र के साथ न्यायालय के आदेश की प्रतियां और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 के सुसंगत प्रावधानों के तहत आजम खान का नाम मतदाता सूची से काट दिया जाए.’
भड़काऊ भाषण में हुई थी सजा
गौरतलब है कि आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में 27 अक्टूबर को रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. उसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई थी.