बांग्लादेश में हिंसा की आग भड़कती जा रही है. अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन सबसे चिंता की बात है कि जनता नेताओं और पुलिसकर्मियों को ढूंढ- ढूंढकर मार रही है. प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है कि अगर लाठी से काम नहीं चला तो हथियार उठाने को तैयार हैं.
बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरक्षण की आग थोड़ी धीमी पड़ी थी. लेकिन एक बार फिर हिंसा का दौर शुरू हो गया है. हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं. नेता, पुलिस को ढूंढ-ढूंढकर हमला कर रहे हैं. सिराजगंज में प्रदर्शनकारियों ने थाने पर हमला कर दिया और 13 पुलिसकर्मियों की पीट-पीट कर हत्या कर दी. उधर, नरसिंगडी में सत्ताधारी अवामी लीग के 6 नेताओं- कार्यकर्ताओं को लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला. प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया कि अगर लाठी से काम नहीं चला तो हथियार उठाने को तैयार हैं. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों भड़क रही ये आग. उनकी डिमांड क्या है?
बांग्लादेश हिंसा में अब तक 92 लोगों की मौत हो चुकी है. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश में हिंसा की आग फैल चुकी है. स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के बैनर तले लोग सड़कों पर हैं. उनकी सिर्फ एक ही डिमांड है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना सत्ता छोड़ें. विरोध इतना हिंसक होता जा रहा है कि प्रदर्शनकारी अवामी लीग के नेताओं, पुलिसकर्मियों को ढूंढ-ढूंढकर निशाना बना रहे हैं. सिराजगंज में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने इनायतपुर थाने हमला बोल दिया और 13 पुलिसकर्मियों को मार डाला. थाने में जमकर तोड़फोड़ की. वहां अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें चार लोग मारे गए. कई घायल हैं
युद्ध का मैदान बना पूरा इलाका
नरसिंगडी जिले में एक बस स्टैंड पर अवामी लीग के कार्यकर्ता बैठे हुए थे, तभी प्रदर्शनकारियों ने उन पर गोलियां बरसा दी. इसमें अवामी लीग के 6 नेता मारे गए. इसी तरह भोला जिले में भी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया. यहां भी 2 लोग मारे गए. बारिसल में छात्रों और अवामी लीग के नेताओं के बीच झड़प हुई. यहां भी अवामी लीग के नेता की मौत हो गई. पूरा इलाका तीन दिन से युद्ध का मैदान बना हुआ है.
ढाका समेत कई शहरों में कर्फ्यू
सरकार ने हिंसा पर काबू करने के लिए ढाका समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है. अगले 3 दिनों के लिए छुट्टी का ऐलान किया गया है. राजधानी के अलावा कई शहरों में दुकानों और बैंकों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं.
सरकारी दफ्तरों में भी सन्नाटा है. छात्रों का नेतृत्व कर रहे नाहिद इस्लाम ने प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने तक धरना जारी रखने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा, छात्र किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं. हमने आज लाठियां उठाईं. अगर लाठियां काम नहीं करतीं, तो हम हथियार उठाने के लिए तैयार हैं. नाहिद इस्लाम ने अवामी लीग को आतंकवादी बताया और कहा कि उन्हें सड़कों पर तैनात किया गया है. उन्होंने कहा, अवामी लीग देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहती है। देश को गृहयुद्ध की स्थिति में धकेला जा रहा है.