अयोध्या मामले में फैसला सुनाने वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच में शामिल जस्टिस अब्दुल नजीर को उनके परिवार सहित सरकार ने ‘जेड’ श्रेणी की सरक्षा दी है।
जस्टिस अब्दुल नजीर को अतिवादी प्रतिबंधित संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया से खतरा बताया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा देना का फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने जस्टिस नजीर सहित उनके पूरे परिवार को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस को आदेश दे दिया है।
सूत्रों के अनुसार, अयोध्या मामले पर फैसले के बाद सुरक्षा एजेंसियो ने जस्टिस नजीर की जान को पीएफआई और अन्य कुछ अतिवादी संगठनों से जान का खतरा बताया है। जिसे देखते हुए जस्टिस नजीर को उनके गृह राज्य समेत देश भर में जेड सिक्यॉरिटी कवर देने का आदेश जारी किया गया है। इस दौरान उनके साथ 22 पैरामिलिट्री के जवान रहेंगे वहीं, पुलिस के जवान भी शामिल रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधानिक बेंच ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने विवादित जमीन को हिंदुओं को देने का फैसला दिया था। फैसला सुनाने वाली बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस अब्दुल नजीर भी शामिल थे। सभी जजों ने एकमत होकर ये फैसला सुनाया था।