संदेश है या मजबूरी- गौतम अडानी पर हमलावर रहे राहुल गांधी, फिर गहलोत क्यों कर रहे तारीफ?

राजस्थान से आज ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जिन्हें देखकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अच्छा नहीं लगेगा। दरअसल, जिन उद्योगपति गौतम अडानी पर राहुल पिछले कई सालों से हमलावर रहे हैं, वे ही आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बगल में बैठे नजर आए। इतना ही नहीं, गहलोत ने खुले मंच से गौतम अडानी की जमकर तारीफ भी की। ‘इन्वेस्ट राजस्थान 2022’ में गहलोत ने अडानी को भाई कहते हुए संबोधित किया और कहा, ”गौतम भाई गुजरात की बात कर रहे थे। गुजराती हमेशा से बहुत सक्षम रहे हैं, यहां तक कि आजादी से पहले भी। महाराष्ट्र-गुजरात हमेशा आर्थिक रूप से समृद्ध रहा है। आपका राज्य अच्छी स्थिति में था, अब हम सुनते हैं कि गौतम अडानी दुनिया के शीर्ष 2 सबसे अमीर लोगों में शामिल हैं।”

अडानी-अंबानी पर हमलावर रहे हैं राहुल
जहां एक तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजस्थान के सीएम गहलोत अडानी की तारीफ करते हुए दिखाई दिए तो वहीं, राहुल अडानी और अंबानी के जरिए मोदी सरकार को घेरते रहे हैं। राहुल खुलकर आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सरकार कुछ बिजनेसमैन के लिए ही काम करती है, जबकि आम और गरीब लोगों की चिंता नहीं करती। हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी राहुल गांधी ने कहा था कि दुनिया का दूसरा सबसे अमीर शख्स (अडानी) भारत से है। यह कैसे हो सकता है कि दुनिया का दूसरा सबसे अमीर आदमी एक भारतीय है और देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर है? वह देश में किसी भी व्यवसाय का एकाधिकार कर सकते हैं, कोई भी हवाई अड्डा और बंदरगाह खरीद सकते हैं। इन व्यवसायों के लिए उन्हें पैसे कौन देता है? यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से आता है, यह आपका पैसा है। इससे पहले भी कई बार राहुल गांधी सरकार पर उद्योपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाते रहे हैं।

अडानी को बुलाने के पीछे गहलोत की क्या मजबूरियां?
शुक्रवार को जैसे ही अडानी और गहलोत की तस्वीरें सामने आईं, तब से ही सोशल मीडिया से लेकर आम घरों तक ये तस्वीरें, मुलाकात और तारीफें चर्चा का केंद्र बन गईं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि एक तरफ जहां राहुल अडानी पर हमला बोलते हैं तो वहीं उनकी ही पार्टी के मुख्यमंत्री गहलोत बिजनेसमैन की तारीफ करने में लगे हुए हैं। कई लोग इस इसे गहलोत और गांधी परिवार के बीच बढ़ती कथित दूरियां भी बताने लगे। वहीं, कुछ ने दावा किया कि इन्वेस्टर समिट में अडानी को बुलाकर गहलोत ने गांधी परिवार को संदेश दे दिया।

हर राज्य को निवेश की जरूरत
दरअसल, अगर इसके पीछे की वजह देखी जाए तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि हर राज्य के मुख्यमंत्रियों को बिजनेसमैन की जरूरत होती है। राज्य में विकास करने के लिए ये बिजनेसमैन कई प्रोजेक्ट्स के जरिए निवेश करते हैं और आखिरकार इसका फायदा वहां की जनता को मिलता है। राजस्थान को ही देख लिया जाए तो गौतम अडानी हजारों करोड़ की सौगात दे गए। अडानी ने राजस्थान के कई औद्योगिक क्षेत्रों में 60,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने का ऐलान किया। इसके अलावा, जयपुर एयरपोर्ट पर वर्ल्ड क्लास सुविधाओं को विकसित करने, उदयपुर में क्रिकेट स्टेडियम, मेडिकल कॉलेज खोलने की भी घोषणा की गई। अब जब अगले साल राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं, तो गहलोत ने इन्वेस्टर समिट आयोजित करके यह दिखाने की कोशिश की है कि वे राज्य के विकास के लिए तत्पर हैं।

…तो क्या गांधी परिवार को कोई संदेश दे रहे गहलोत?
गहलोत और अडानी के साथ दिखने के चलते कई तरह के सवाल लोगों के मन में तैर रहे हैं। दरअसल, पिछले दिनों गहलोत और गांधी परिवार के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली। एक समय में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए गहलोत का नाम लगभग फाइनल हो गया था, लेकिन वह राजस्थान की कमान धुर-विरोधी सचिन पायलट को देने के खिलाफ थे। जब गहलोत के करीबी शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की बैठक हुई, तो कांग्रेस आलाकमान आगबबूला हो गया। बाद में गहलोत को सोनिया गांधी से मुलाकात करके माफी भी मांगनी पड़ी। ऐसे में अब जब गहलोत ने अडानी को समिट में बुलाया और उनकी जमकर तारीफ की, तो सवाल उठने लगे कि क्या इसके जरिए से गहलोत गांधी परिवार के खिलाफ जा रहे हैं या फिर कोई मैसेज देने की कोशिश कर रहे।

बीजेपी बोली- यह गांधी परिवार के खिलाफ गहलोत का विद्रोह
वहीं, पूरे मामले पर बीजेपी भी चुटकी लेने से पीछे नहीं हट रही। बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा कि गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह और असंतोष के एक और संकेत में, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गौतम अडानी को निवेशक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। उन्हें सीएम के ठीक बगल में सीट दी गई है। यह राहुल गांधी के लिए एक खुला संदेश है, जो अडानी-अंबानी पर हमला करने से नहीं चूकते हैं।

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