पिछले 40 दिनों से धरना दे रहीं आंगनबाड़ी सेविकाएं मंगलवार को मानदेय देने सहित अन्य कई मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास घेरने पहुंचीं। उग्र प्रदर्शन और बैरिकेडिंग तोड़ कर आगे बढ़ने के कारण पुरुषपुलिस कर्मियों ने इन पर जमकर लाठी बरसाई। पुलिस के द्वारा की गई बर्बर कारवाई से सदर आंगनबाड़ी सेविका बसंती देवी का हाथ और सहायिका शरमी लकड़ा का पैर टूट गया। लाठी चार्ज के दौरान कई महिलाएं सड़क पर गिरकर बेहोश तक हो गईं। इस कार्रवाई से दर्जनों आंगनबाड़ी सेविकाएं गंभीर रूप से घायल भी हईं, जिन्हें आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन व मोर्चा द्वारा नजदीक के अस्पताल इलाज के ले जाया गया।
गौरतलब है कि झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले 16 अगस्त से ही आंगनबाड़ी सेविकाएं आंदोलन कर रही हैं। इसके तहत सेविकाओं को 1400 रुपये की जगह 5000 रुपये मानदेय देने, लघु आंगनबाड़ी सेविकाओं को 700 रुपये की जगह 2500 रुपये देने और सभी को स्वास्थ्य बीमा के लाभ से जोड़ने की मांग की जा रही है। इसके बाद आंगनबाड़ी सेविकाएं जुलूस की शक्ल में जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम पहुंचीं और वहां से अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम में शामिल हुईं।
इसी क्रम में आंगनबाड़ी सेविका पुलिसकर्मियों से उलझ गईं और उग्र होकर धक्का-मुक्की करते हुए हाथ भी चला दिया। इसके बाद थानेदार ने लाठी चलाना शुरू कर दिया। जिसमें आंगनबाड़ी सेविका का हाथ टूटा है, उसने बताया कि एक पुलिसवाला उसे धमकी दे रहा था। ज्यादा हंगामा करोगी, तो हाथ-पैर तोड़कर यहीं बैठा देंगे। पुलिस जब यह कार्रवाई कर रही थी उसे समय कोई महिलापुलिस कर्मी मौके पर मौजूद नहीं थी।
करीब तीन घंटे तक पुलिस और महिलाओं के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा होता रहा। पुलिस बार-बार महिलाओं को समझा रही थी लेकिन महिलाएं मानने को तैयार नहीं थी। कांग्रेस ने इस घटना का विरोध करते हुए एक वीडियो भी ट्वीट किया है। कांग्रेस ने रघुवर दास सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, भाजपा राज में हक़ मांगना गुनाह है। झारखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाना भाजपा सरकार की तानाशाही और नृशंस प्रवृत्ति को दर्शाता है। इन महिलाओं पर पड़ी एक-एक लाठी भाजपा हुकूमत के अंत का कारण बनेगी।