कोरोना वायरस के खिलाफ पूरा देश इस वक्त लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के जो बच्चे राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं, उनको निकालने के लिए आगरा से शुक्रवार को 200 बसें रवाना की गई हैं। गौरतलब है कि कोटा में हर साल बड़ी संख्या में छात्र इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE Main व मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी करने जाते हैं। Lockdown के चलते वहां बिहार, दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों के छात्र फंसे हुए हैं। उनके पास अपने गुजारे के लिए पैसे खत्म हो चुके हैं। खासतौर पर पीजी में रह रहे छात्रों को खाने की बहुत समस्या आ रही है। छात्र लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने Lockdown में राजस्थान के कोटा में फंसे इंजिनियरिंग और मेडिकल कोचिंग के छात्रों को वापस लाने की योजना का स्वागत किया है। कोटा में यूपी के लगभग 7500 छात्र फंसे हैं। छात्रों और उनके अभिभावकों की गुहार के बाद योगी सरकार ने उन्हें वापस लाने का फैसला किया है।
अखिलेश ने योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया है। वह लिखते हैं, ‘राजस्थान के कोटा में फँसे उप्र के विद्यार्थियों को वापस लाने की योजना का स्वागत है। लेकिन ये सवाल भी है, कि अन्य राज्यों में भुखमरी के शिकार हो रहे अति निम्न आय वर्ग के गरीबों को वापस लाने की क्या योजना है और ये भी कि प्रदेश के तथाकथित नोडल अधिकारियों के मोबाइल मूक-मौन क्यों हैं ?’
इससे पहले बांद्रा प्रकरण के दौरान भी एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने कहा था, ‘मुंबई में हजारों लोगों के सड़कों पर आकर घर लौटने की माँग को देखते हुए उप्र की सरकार तुरंत नोडल अधिकारी नियुक्त करे व केंद्र के साथ मिलकर महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में फँसे प्रदेश के लोगों को निकाले. जब अमीरों को जहाज से विदेशों से ला सकते हैं, तो गरीबों को ट्रेनों से क्यों नहीं।
दरअसल, CM योगी आदित्यनाथ ने आज अपने अफसरों को कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के निर्देश दिए हैं। छात्रों को वापस लाने के लिए करीब 247 रोडवेज बसें चलाने की योजना है। शनिवार तक ये बसें छात्रों को लेकर यूपी में आएंगी। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए सभी राज्य सरकारों को परमिट दिया है।