Delhis Lieutenant Governor

शपथ लेने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने बताया क्या होता है एलजी का मतलब,जानें

विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के 22वें उपराज्यपाल (एलजी) का पदभार ग्रहण कर लिया। राजनिवास में आयोजित समारोह में दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उपराज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया और कहा कि वे इस जिम्मेदारी को पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे।
शपथ लेने के बाद मीडिया से पहली बातचीत में सक्सेना ने साफ शब्दों में कहा कि उनके लिए एलजी (LG) का मतलब (what is the meaning of LG)’लेफ्टिनेंट गवर्नर’ नहीं, दिल्ली का ‘लोकल गार्जियन’ है। शहर की बेहतरी के लिए वह राजनिवास में कम, राजधानी की सड़कों पर ज्यादा दिखेंगे। उन्होंने कहा, दिल्ली कमजोर वर्गो के लाखों लोगों का घर है।

यहां तक कि गरीब से गरीब व्यक्ति, विशेष रूप से कुम्हार, मोची, प्लम्बर, बढ़ई, बिजली मिस्त्री, रेहड़ी-पटरी वाले और निर्माण क्षेत्र से जुड़े कामगार जैसे असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोग भी इस शहर में रहते हैं। दुर्भाग्य से यह लोग समाज की मुख्यधारा से कट गए और दुख में जीने को मजबूर हो गए। हम इन वर्गो को सशक्त बनाने और उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने के लिए नई योजनाएं लाएंगे।
सक्सेना ने पिछले दिनों दिल्ली में हुए दंगों एवं हिंसक झड़पों का जिक्र करते हुए लोगों से शांति और सद्भाव के साथ रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा- ‘आपस में लड़े, खून भी बहाया है बहुत पर, जो कुछ भी हुआ है, उसे अच्छा है भुला दो। ¨हदू हैं न मुस्लिम, न सिख, न ईसाई, शैदां हैं हम वतन पर, दुनिया को दिखा दो। मिलजुल के भला क्या हो नहीं सकता, बखूबी आवाज में हर शख्स की आवाज मिला दो।’नए एलजी ने कहा, कड़वी सच्चाई है कि दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक माना जाता है। साथ ही शहर में जाम भी बड़ी समस्या है।


दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और सभी के सहयोग से हम ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने और दिल्ली को सभी तरह के प्रदूषण से मुक्त करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा, मेरा सपना है कि ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र से दिल्ली को खुशियों का शहर, यानी सिटी आफ ज्वाय बनाया जाए।

शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, मीनाक्षी लेखी, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके कैबिनेट सहयोगी, विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, सांसद मनोज तिवारी, प्रवेश साहिब सिंह, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश, मुख्य सचिव नरेश कुमार एवं दिल्ली सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, निगमायुक्त अश्विनी कुमार, फैशन डिजाइनर रितु बेरी, सुनील सेठ इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं।
समारोह से नाराज होकर लौटे डा. हर्षवर्धन

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद डा. हर्षवर्धन शपथ ग्रहण समारोह से नाराज होकर लौट गए। दरअसल, जिस स्थान पर उन्हें बैठाया जा रहा था, उससे वह संतुष्ट नहीं थे। राजनिवास से बाहर जाते हुए डा. हर्षवर्धन ने शिकायती लहजे में कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में संसद सदस्य के लिए एक सीट तक नहीं रखी गई।

उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को कहा, मैं एलजी विनय कुमार सक्सेना ( LG Vinay Kumar Saxena) को इस बारे में लिखूंगा। हालांकि, उन्हें मनाने के लिए अधिकारी उनके पीछे पीछे गए, लेकिन वह नहीं रुके और गाड़ी में बैठकर निकल गए।

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