पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के बाद अब महाराष्ट्र के सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, और इसके साथ ही सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहको की भी इस कोरोना संकट काल में चिंता बढ़ गई है। बता दें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (CKP Co-operative Bank Ltd) का बैंकिंग लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। जिसका सीधा अर्थ है ये बैंक अब बंद हो रहा है। बताया जा रहा है कि वित्तीय अस्थितरता की वजह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ये फैसला लिया है। बीते 30 अप्रैल के बाद से ही आरबीआई ने सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के सभी ऑपरेशन रोक दिए है। इस मामले पर RBI का कहना है कि बैंक की वित्तीय हालत बहुत खराब थी और वह आगे चल नहीं पा रहा था। इसके साथ ही मैनेजमेंट की तरफ से बैंक का रिवाइवल प्लान भी नहीं था और किसी के साथ मर्जर की भी कोई संभावना नहीं थी। वहीं RBI ने अपने फैसले पर ये भी कहा कि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड अपने पास मिनिमम पूंजी रखने की योग्यता का पालन भी नहीं कर रहा था, और साथ ही उसके पास वो रिजर्व भी नहीं था जो कि बैंक नियमों के मुताबिक होना चाहिए। यानी कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो ठीक नहीं था और मिनिमम 9 प्रतिशत की पूंजी की जरूरत के नियम पालन नहीं हो रहा था। आपको बता दें RBI ने पुणे के को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि बैंक के हर तरह के मामलों को रोकने के आदेश जारी किए जाएं।
हालांकि RBI ने ग्राहकों के पैसा फंस जाने के बारे में कहा कि डिपॉजिट इंश्योरेंश एण्ड क्रेडिट ग्रांटी कॉपरेशन (DICGC) के तहत ग्राहकों के पैसे का 5 लाख रुपए तक के अधिकतम बीमा की रकम ग्राहक ले सकते हैं।