बिहार सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया। करीब 9 महिने बाद राज्य के सभी School, कॉलेज और कोचिंग संस्थान नये साल में 4 जनवरी से चरणबद्ध खोले जायेंगे। सभी स्कूलों में पहले चरण में नौंवी से 12वीं तक की कक्षाएं और कॉलेजों में फाइनल इयर की कक्षाएं खोली जायेंगी। साथ ही सभी कोचिंग संस्थान भी खोले जायेंगे। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है।
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि क्लास में विद्यार्थियों की उपस्थिति आधी रखनी होगी। मसलन, अगर किसी क्लास में 50 बच्चे हैं, तो 25 विद्यार्थी पहले दिन और 25 विद्यार्थी दूसरे दिन क्लास में शामिल होंगे। इससे सोशल डिस्टेसिग के नियमों का पालन हो जायेगा। उन्होंने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि 15 दिन बाद यानी 18 जनवरी से शेष सभी कक्षाएं खोल दी जायेंगी। कॉलेजों में भी फाइनल इयर के साथ ही सभी कक्षाएं भी 18 जनवरी से खोल दी जायेंगी। इसमें नर्सरी से लेकर ऊपर तक की सभी कक्षाएं शामिल हैं।
नियम और जरूरी बातें
मुख्य सचिव ने बताया कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को MASK के उपयोग और सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन कराना अनिवार्य होगा। सभी सरकारी स्कूलों को शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को 2-2 MASK मुफ्त उपलब्ध कराये जायेंगे। बाकी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को यह सुनिश्चित कराना होगा कि विद्यार्थी जरूर MASK पहनकर क्लास में पढ़ने आएं। साथ ही सो शल डिस्टैंसिंग का पालन कराना भी संस्थानों की जिम्मेदारी होगी। अब भी महामारी क्या रुख रखेगी, नहीं कहा जा सकता।
हर सप्ताह होगी समीक्षा
क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य में चार जनवरी से खुलने वाले School, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों की हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी। पहली समीक्षा 11 जनवरी को की जायेगी कि राज्य के School, कॉलेज और कोचिंग संस्थान किस प्रकार संचालित किये जा रहे हैं।
कोचिंग संस्थान अपना प्लान डीएम को सौंपे
मुख्य सचिव ने बताया कि कोचिंग संस्थानों को भी 4 जनवरी से खोलने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि जितने भी हॉस्टल हैं, वे कोचिंग संस्थानों से जुड़े हुए हैं। ऐसे में कोचिंग संस्थानों के खुलने के साथ ही हॉस्टल भी खुल जायेंगे। यह जिम्मेदारी कोचिंग संस्थानों के प्रबंधन को दिया गया है कि वह कोचिंग संस्थान किस प्रकार से खोलना चाहते हैं। इसका विस्तृत रिपोर्ट वे संबंधित जिले के डीएम को सौंप दें।