आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सिर्फ दिल्ली में ही 15 लाख से ज्यादा नए सदस्यों को जोड़ लिया है। ये नए सदस्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में बड़ा रोल अदा करने वाले हैं। वहीं, भाजपा के देशभर में 14 करोड़ सदस्य हो गए हैं। भाजपा के बढ़ते सदस्यों से विपक्षी दलों में बेचैनी बढ़ गई है।
सदस्यों की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी
भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ दिल्ली राज्य में ही अपने सदस्यों की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी दर्ज की है। करीब डेढ़ महीने से राज्य में चल रहे भाजपा के सदस्यता अभियान में युवाओं ने दिलचस्पी दिखाते हुए बड़ी संख्या में मेंबरशिप हासिल की है। पार्टी की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ दिल्ली में ही भाजपा के साथ 15 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं। ये सदस्य भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूत करने का काम करेंगे।
विपक्षी खेमों का नुकसान
जानकारों के मुताबिक देशभर में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से विपक्षी खेमा बेचैन है। पूरे देश में चलाए गए सदस्यता अभियान में दिल्ली राज्य सबसे ज्यादा सदस्य बनाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश 22 लाख नए सदस्यों बनाकर इस सूची में टॉप पर है। जानकारों के मुताबिक दिल्ली में भाजपा के बढ़ते सदस्यों की संख्या से विपक्षी दलों को नुकसान पहुंचने वाला है। क्योंकि भाजपा के साथ जुड़ने वाले सदस्यों में ज्यादातर पहले किसी न किसी दल के साथ जुड़े रहे। इस स्थिति में उस दल को नुकसान तो तय है।
भाजपा के कुल सदस्य 14 करोड़ के पार
करीब डेढ़ महीने तक पूरे देश में चले सदस्यता अभियान के बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या 14 करोड़ 80 लाख पहुंच गई है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने 3 लाख 50 हज़ार नए सदस्य बनाए हैं। जबकि, यहां सदस्यता अभियान 25 अगस्त तक चलने वाला है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में 4 लाख 62 हजार 804, पंजाब में 5 लाख 5 हजार 422, हरियाणा में 7 लाख 14 हजार 784, उत्तराखंड में तकरीबन 10 लाख लोग भाजपा के सदस्य बनाए गए हैं। इसी तरह अन्य राज्यों में भी भाजपा के साथ बड़ी संख्या में नए सदस्य जुड़े हैं।