हरियाणा की 130 खाप पंचायत कल यानी मंगलवार से किसानों के प्रदर्शन में शामिल होगी। इस बात की घोषणा आज खाप पंचायतों की ओर से की गयी है। खाप पंचायतों के प्रवक्ता जगबीर मलिक ने कहा कि वे लोग किसानों के प्रदर्शन का हिस्सा शुरू से ही हैं, अब सभी खाप पंचायतों ने सहमति से यह निर्णय किया है कि वे किसानों के प्रदर्शन में शामिल भी होंगे।
गौरतलब है कि खाप पंचायतों का महत्व राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा है। खासकर हरियाणा के जाट समुदाय में इनका खासा महत्व है। इनके महत्व का आकलन इसी बात से किया जा सकता है कि 2014 के चुनाव में जींद की रैली में PM मोदी ने इनका आशीर्वाद BJP के लिए मांगा था।
खाप पंचायतों का महत्व इन दिनों घटा है क्योंकि ये हरियाणा की पारंपरिक पंचायत है चुनी हुई पंचायत नहीं। बावजूद इसके जाटों में इनका बहुत महत्व है। खाप पंचायत जाति आधारित ही होती है। हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में जाटों के पास पर्याप्त भूमि है, प्रशासन और राजनीति में इनका ख़ासा प्रभाव है, जनसंख्या भी काफी ज़्यादा है, यही वजह है कि इन राज्यों में इनका काफी प्रभाव है।
आज किसान यूनियनों ने यह घोषणा की है कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए आये हैं और कृषि बिल को वापस कराकर ही वापस जायेंगे। किसानों का मोदी सरकार पर यह आरोप था कि वे आम लोगों का शोषण कर रही है और कॉरपोरेट्स के लिए कानून बना रही है। किसानों ने कहा कि हमने मोदी जी के सशर्त वार्ता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।