गहराया नक्शा विवाद, अब नेपाल संयुक्त राष्ट्र संगठन और गूगल को भेजेगा विवादित नक्शा

भारत के पड़ोसी देश नेपाल के साथ बीते मई के महीने में शुरू हुआ नक्शा विवाद गहराता ही जा रहा है। जहां बीते 13 जून को नेपाल की संसद ने इस विवादित नक्शे को पास कर दिया था, तो वहीं अब अब खबर है कि भारत का पड़ोसी देश नेपाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपना विवादित नक्शा भेजने की तैयारी कर रहा है। इस बाबत नेपाल के भूमि प्रबंधन मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल की केपी ओली सरकार नक्शे को अंग्रेजी में अनुवादित करने और संयुक्त राष्ट्र संगठन यानी UNO के अलावा गूगल समेत अन्य कई अंतरराष्ट्रीय समुदायों को भेजने की योजना बना रही है।

नक्शा विवाद मामले में नेपाल के मंत्री पद्मा अर्याल ने कहा कि हम जल्द ही कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को संशोधित नक्शे में शामिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भेजेंगे। साथ में ये भी कहा कि नेपाल में इस नए नक्शे को अंग्रेजी में अनुवादित किया जा रहा है। काम पूरा होते ही इसे अगस्त के मध्य तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भेज दिया जाएगा। नेपाल के नए नक्शे की 4000 कॉपी को अंग्रेजी में प्रकाशित करने का काम जारी है। इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है।

आपको बता दें ये पूरा मामले बीते 20 मई को शुरू हुआ था, जब नेपाल की केपी ओली सरकार ने भारत के तीन हिस्सों को अपना बताते हुए नेपाल का एक नया नक्शा जारी किया था। इस विवादित नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया है। वहीं दूसरी ओर भारत लगातार इस विवादित नक्शे का विरोध किया है। इस विवादित नक्शे के जारी होने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने ही देश में घिर गए थे। उनकी पार्टी के अंदर ही आलोचना होने लगी थी। बात इतनी बिगड़ गई थी कि भारत विरोधी फैसले लेने की वजह से केपी ओली को पार्टी अध्यक्ष पद और प्रधानमंत्री पद से हटाने की बात की जा रही थी।

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