कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन पर काम भी जोरों पर चल रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं। बता दें अमेरिका में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ और मॉडर्ना इंक के साझा प्रयासों से विकसित कोविड-19 का वैक्सीन अब अपने अंतिम चरण पर है। बीते सोमवार को अमेरिका में तीसरा और आखरी ट्रायल शुरू हो गया है। इस ट्रायल में अमेरिका के लगभग 30 हजार लोग भाग ले रहे हैं।
बिंघमटन, न्यूयॉर्क में टीका लगवाने वाली 36 वर्षीय नर्स मेलिसा हार्टिंग ने कहा, ”मैं इसका हिस्सा बनकर रोमांचित हूं। ये बहुत बड़ी चीज है।” उन्होंने कहा, ”इस बीमारी को खत्म करने के लिए हमारी तरफ से ये प्रयास मेरे लिए महत्वपूर्ण है।”
हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि अंतिम चरण के परिणा को आने में महीनों का समय भी लग सकता है, वहीं जैसे पहले और दूसरे चरण के परिणा सफल रहे, ऐसे में ये जरूरी नहीं किया तीसरे तरण का ट्रायल भी सफल हो। हमें हर परिस्थिती के लिए तैयार रहना होगा।
आपको बता दें इस बाबत नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के डायरेक्टर फ्रांसिस कोलिन्स ने अंतिम चरण के ट्रायल में सावन्नाह, जॉर्जिया में सुबह पौने सात बजे पहला टीका दिए जाने के बाद कहा, ”यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।” वहीं, मॉडर्ना कंपनी के CEO स्टीफन बैंसेल ने कहा, ”हम गति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि हमारे लिए हर दिन मायने रखता है।”
बता दें कोरोना की चपेट में आने से अबतक 6.57 लोगों की जान जा चुकी है। तो वहीं 1 करोड़ 66 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। आंकड़ों की माने तो 96.4 लाख लोग कोरोना से पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं। कोरोना से बससे ज्यादा तबाही अमेरिका में हुई है। केवल अमेरिका में ही अबतक 44 लाख के करीब लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। तो वहीं देढ़ लाख लोगों की जान जा चुकी है।