अपने दिल-दिमाग से सोच कर लें फैसला! – वार्ताकार

SC की तरफ से नियुक्त वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन तीसरी बार Shaheen Bagh प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे। दोनों वार्ताकारों ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं से बातचीत की। ये बातचीत करीब डेढ़ घंटे चली लेकिन तीसरे दिन भी कोई फैसला नहीं हुआ।

बातचीत की शुरुआत में वकील संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को समझाया कि प्रदर्शन करना आपका अधिकार है लेकिन आपके अधिकार के चलते किसी और का अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए। इसीलिए लोगों को दिक्कत ना हो यह सड़क खोल देनी चाहिए और प्रदर्शन किसी और जगह पर होना चाहिए।

जहां एक ओर Shaheen Bagh में 69 दिनों से प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने साफ कहा की वो तब तक यहां से नहीं हटेंगे जब सरकार CAA को वापस नहीं लेती और NPR और NRC को लागू नहीं करने की बात नहीं कहती। वार्ताकारों से बात करने वाली के प्रदर्शनकारी महिला ने कहा ” गृहमंत्री अमित शाह और BJPके नेता कहते हैं कि NRC अभी नहीं आ रहा है। ये कहने की बजाय कभी नहीं आ रहा है ये कहें”।

प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने तीसरे दिन अपनी बात रखते हुए साफ कहा कि वह अपनी जिन मांगों को लेकर यहां बैठी हैं वह उन पर समाधान चाहती हैं। वहीं वार्ताकारों ने उन्हें साफ कहा कि वह सरकार की तरफ से नहीं बल्कि SC की तरफ से आए हैं और इस सड़क को खुलवाने के लिए कोई हल निकालने आए हैं।

वार्ताकारों ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं से कहा कि क्या कोई और जगह हो सकती है जहां यह प्रदर्शन जारी रहे। इस पर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने साफ कर दिया कि वह तब तक यहां से नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांग नहीं सुनी जाती। वहीं सड़क के दूसरे हिस्से को खोलने की बात जब वार्ताकारों ने इन महिला प्रदर्शनकारियों से कही तो उन्होंने कहा कि यह सड़क उन्होंने नहीं बल्कि पुलिस ने बंद की है और अब अपनी सुरक्षा के लिए वह इसे बंद करके रख रही हैं। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि यह उनकी सुरक्षा के लिए है।

प्रदर्शन कर रही महिलाएं चाहती हैं कि यह सड़क अगर खोली जाती है तो पुलिस उन्हें लिखित में दे कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस लेगी। जिस पर वार्ताकारों ने साफ कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी हमेशा सरकार और पुलिस की होती है और वह पुलिस कर रही है। यहां तक कि आज बातचीत के दौरान पुलिस को बुलाकर भी पूछा गया कि आखिर क्यों सड़क का दूसरा हिस्सा और उसकी तरफ आने वाली सड़कें बंद की गई हैं। जिस पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से एहतियात के तौर पर सड़क को बंद किया गया है।

इस बीच प्रदर्शनकारियों ने दोनों वार्ताकारों के सामने दिल्ली पुलिस की तारीफ की। एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि हम इतने दिन से यहां पर प्रदर्शन पर बैठे हैं और पुलिस हमें यहां सुरक्षा दे रही है। वहीं Shaheen Bagh के थाना अध्यक्ष भी अच्छा काम कर रहे हैं। इसके बाद वार्ताकारों में से एक साधना रामचंद्र ने दिल्ली पुलिस के नोएडा से बदरपुर फरीदाबाद जाने वाले रास्ते को खोलने और बंद करने के फैसले पर नाराजगी भी जाहिर की।

उन्होंने कहा, “मैं और संजय जी कल सड़क का मुआयना करने गए थे। ‌इसके बाद उन्होंने पुलिस से कहा था कि नोएडा की तरफ से बदरपुर फरीदाबाद जाने वाली सड़क को खोला जा सकता है तो पुलिस ने आज उसे खोला भी था लेकिन उसे वापस बंद कर दिया गया। यह बात SC को बताई जाएगी। पुलिस अब कोर्ट में सफाई दे कि ऐसा क्यों किया गया।”

तीसरे दिन की यह बातचीत काफी लंबी रही कई सारी महिलाओं को दोनों वार्ताकारों ने सुना और उनसे अपनी बात भी रखी। जहां संजय हेगड़े ने यह साफ कहा कि “हम कोर्ट को आपकी सारी बात बताएंगे लेकिन कोर्ट भी जानना चाहेगा कि आखिर आपका फैसला क्या है।”

वही जाते हुए वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने महिलाओं से कहा कि ” आप लोग अपना फैसला अपने दिल और दिमाग से सोच कर लें रात भर सोचें और अपना फैसला अपने आप के लिए खुद लें। किसी और को अपना फैसला ना लेने दें आप अपने बारे में और अपने बच्चों के बारे में सोचें और फिर फैसला ले।”

फिलहाल वार्ताकार 3 दिनों से लगातार एस मसले का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं और सभी बातें उनके साथ कर रहे हैं, लेकिन आज उन्होंने महिलाओं से जाते हुए अपील की कि वह अपना फैसला खुद लें और यह फैसला दिल और दिमाग दोनों से लें वहीं किसी और को अपना फैसला ना लेने दें।

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