बहुप्रतीक्षित राफेल विमान आखिरकार बुधवार को भारतीय जमीन पर उतर गए। फ्रांस के साथ हुए सौदे के तहत इन पांच Rafale लड़ाकू विमानों की पहली खेप आज भारत पहुंची। Rafale विमान किसी पहचान का मोहताज नहीं है। भारतीय आसमान में उपयोगिता और ताकत का परीक्षण अभी शेष है। लेकिन भारतीय धरती पर पहुंचने से कई महीनों पहले ही Rafale ने जमकर सियासी घमासान कराया था। 2019 के आम चुनाव के समय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने Rafale को ही चुनावी हथियार बना लिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और भाजपा पर राफेल वार कर रहे राहुल व कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी।
बुधवार को हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर Rafale के लैंडिंग करते ही कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर अटैक किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट पर Rafale का स्वागत करते हुए लिखा, वायुसेना के जांबाज लड़ाकुओं को बधाई। इसके साथ ही सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर चार ‘राफेल तीर’ भी छोड़ दिए। सुरजेलवाला ने कहा कि आज हर देशभक्त सरकार से यह जरूर पूछेगा कि #Rafale #RafaleJets
526 करोड़ रुपए का एक राफेल अब 1670 करोड़ में क्यों खरीदा गया?
126 रॉफेल की बजाय 36 ही क्यों?
मेक इन इंडिया की बजाय मेक इन फ्रान्स क्यों?
4.5 साल की देरी क्यों की गयी?
यूपीए सरकार के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने बनाया हकीकत
बता दें कि फ्रांस के साथ यूपीए सरकार ने वर्ष 2012 में 126 Rafale विमानों का सौदा लगभग तय कर लिया था। हालांकि किसी वजह से सौदा आगे नहीं बढ़ा। वर्ष 2014 में केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद इस सौदे में तेजी आई। तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में वर्ष 2016 में मोदी सरकार और फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी ने नई शर्तों व नई कीमत के साथ 36 राफेल विमानों का सौदा फाइनल किया।