धनतेरस का त्योहार इस बार 13 नवम्बर को है। इस दिन से ही दीपोत्सव के त्योहार दिवाली की शुरुआत भी हो जाएगी। Dhanteras के दिन अलग-अलग राशियों के अनुरूप धातु की खरीददारी करने से सुख समृद्धि की मान्यता है। भगवान धनवंतरि की पूजा इस दिन की जाती है और धन के देव कुबेर को भी Dhanteras के दिन पूजा जाता है। छोटी दिवाली से एक दिन पहले आने वाला यह त्योहार को मुख्य रूप से भगवान धनवंतरि को समर्पित माना जाता है और मान्यता है कि इस दिन वे समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे।
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की प्रथा-
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की प्रथा है और ऐसा कहा जाता है कि झाड़ू खरीदने से गरीबी दूर होने की मान्यता है। माना जाता है कि Dhanteras के दिन झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास रहता है और आर्थिक तंगी से जूझने वाले घर में समृद्धि आती है। इसके अलावा यह भी प्रथा है कि झाड़ू पर सफेद रंग का धागा बांधकर लाएं जिससे लक्ष्मी आपके घर में रहेगी।
तीन झाड़ू खरीदनी चाहिए-
ऐसा कहा जाता है कि Dhanteras के दिन झाड़ू सम संख्या में नहीं खरीदकर विषम संख्या में खरीदना चाहिए। यानी 2 के बजाय 3 झाड़ू खरीदना लाभदायक और शुभ माना जाता है। इसके अलावा Dhanteras को खरीदी गई झाड़ू दिवाली के दिन मन्दिर में देना भी शुभ माना जाता है। रविवार और मंगलवार को झाड़ू नहीं खरीदने की भी मान्यता है और झाड़ू पर पैर नहीं लगाना चाहिए।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त-
इस साल Dhanteras शुक्रवार यानी 13 नवम्बर को है। इसके लिए पूजा का शुभ समय शाम के समय 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 5 बजकर 59 मिनट तक के लिए है। इन 30 मिनटों के अन्दर पूजा करने का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त माना गया है। भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा इस दिन की जाती है।