WHO कुछ लोगों में COVID-19 का संक्रमण दोबारा होने के मामले की जांच करेगा। दक्षिण कोरिया में लगभग 91 मरीज ऐसे थे, जिनके बारे में कहा जा रहा था कि वे COVID-19 के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। लेकिन, फिर से जांच किए जाने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इससे पहले चीन सहित दुनिया के अन्य हिस्सों से इस तरह की रिपोर्टे आई थीं, जिसने एक नए सिद्धांत को जन्म दिया कि इस वायरस को फिर से सक्रिय किया जा सकता है। इसने संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी को इस मुद्दे पर गौर करने के लिए प्रेरित किया।
WHO ने एक बयान में कहा कि हम इन रिपोर्टो से वाकिफ हैं, जिनमें कहा गया है कि PCR (पोलीमरेज चेन रिएक्शन) परीक्षण का उपयोग करके कुछ लोगों की नकारात्मक रिपोर्ट आई। बाद में जांच करने पर उनकी रिपोर्ट सकारात्मक आई। हम अपने विशेषज्ञों के साथ इस मामले में निकटता से संपर्क कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि जब संदिग्ध रोगियों से परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किए जाते हैं, तो प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन किया जाता है या नहीं।
WHO ने पिछले दिनों अपनी गलती स्वीकार करते हुए बताया कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाली उसकी एक रिपोर्ट गलत थी। संगठन के अनुसार, यह एक एरर था जो अब ठीक कर लिया गया है। भारत सरकार का कहना है कि अभी भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की शुरुआत नहीं हुई है।
WHO ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में गलती को स्वीकार कर कहा कि भारत में संक्रमण के मामले हैं लेकिन अभी ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ नहीं है। बता दें कि पिछले गुरुवार को संगठन की ओर से एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात कही गई थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी कहा था कि भारत में अभी तक Coronavirus का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं शुरू हुआ है और नॉवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के दर में कमी आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल ने कहा था कि कम से कम 16002 सैंपल की जांच गुरुवार को की गई जिसमें से 320 लोग पॉजिटिव पाए गए। केवल 2% मामले COVID-19 के लिए पॉजिटिव पाए गए। एकत्र किए गए सैंपलों के आधार पर हम कह सकते हैं कि संक्रमण का दर अधिक नहीं है।