मास्क है तो सांस है : नए वेरियंट फैलने से खड़ा हुआ सवाल, कौन सा मास्क कहां आएगा काम?

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से भारत पस्त है और दूसरे कई देशों में नये स्ट्रेन देखने को मिल रहे हैं। दुनियाभर में कोरोना को हराने के लिए वैक्सीन लगाने पर काम भी हो रहा है और नए वेरियंट्स के खिलाफ बूस्टर शॉट भी बनाए जा रहे हैं। इस सब के बीच मास्क पहनना अब भी सुरक्षा का सबसे मूलभूत हथियार बना हुआ है। एक्सपर्ट डॉक्टर फहीम यूनुस बताते हैं कि किस जगह पर कैसा मास्क लगाना जरूरी है।

डॉ. फहीम के मुताबिक N95/KN95 या सर्जिकल मास्क लगाएं। जब तक टूट न जाए या सील न टूट जाए। डबल मास्क की जरूरत ज्यादा रिस्क वाली जगहों पर है, जैसे अस्पताल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, फैक्ट्री, ऑफिस स्पेस। बाकी हर जगह सिंगल मास्क लगाया जा सकता है। परिवार के साथ या बाहर अकेले वॉक करते हुए या गाड़ी चलाते हुए मास्क लगाने की जरूरत नहीं।

दरअसल, भारत सरकार ने लोगों से घर पर मास्क लगाने की अपील की है ताकि कोरोना की ट्रांसमिशन चेन को ब्रेक किया जा सके। कम्युनिटी हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा किए गए स्टडी से पता चला है कि पिछले साल 56 फीसदी लोगों ने अपने परिवार के लोगों को संक्रमित किया था।

केंद्रीय संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने हाल ही में कहा कि अगर व्यक्ति मास्क नहीं लगाता है और गाइडलाइन का पालन नहीं करता है तो कोरोना संक्रमण का खतरा 90 फीसदी तक बढ़ सकता है। मास्क लगाने से और गाइडलाइन का पालन करने से यह खतरा 30 फीसदी तक कम हो सकता है। नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल (Dr VK Paul) ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं करता तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

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