कैसे आया पीएम मोदी के मन में ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का विचार

हर बड़े कार्य के पीछे एक उद्देश्य और प्रेरणा होती है। शनिवार केन्द्र सरकार द्वारा लांच किए गए गरीब कल्याण रोजगार अभियान का विचार भी एक क्वारंटाइन सेंटर से निकला है। यह क्वारंटाइन सेंटर कहीं और का नहीं बल्कि यूपी के उन्नाव है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को अभियान का डिजिटल शुभारंभ करने के बाद इस बात का खुलासा किया। प्रधानमंत्री ने कहा, लोग यह जानकार हैरान हो जाएंगे कि मुझे इस कार्यक्रम की प्रेरणा कहां से मिली। प्रधानमंत्री ने बताया कि Lockdown के दौरान मैंने मीडिया में एक खबर देखी थी, जो उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद से थी। उन्नाव के एक सरकारी स्कूल को प्रवासी श्रमिकों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था।


प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्नाव के इस क्वारंटाइन सेंटर में ज्यादातर लोग दक्षिण भारत के शहरों से लौटे श्रमिक थे। यह श्रमिक रंगाई-पुलाई और पीओपी के काम में मास्टर थे। प्रधानमंत्री ने बताया कि खबर के अनुसार खाली समय में इन श्रमिकों ने सरकार स्कूल के कायाकल्प के बारे में विचार बनाया। यह श्रमिक अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते थे। इसी के बाद इन श्रमिकों ने उस स्कूल की रंगाई-पुताई करके उसका कायाकल्प कर दिया। इस खबर को देखने के बाद ही मेरे दिमाग में इन श्रमिकों को उनके गांव और आस-पास के क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने का विचार आया। और फिर गरीब कल्याण रोजगार अभियान का जन्म हुआ।

शनिवार को PM मोदी ने प्रवासी श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया। अभियान की लांचिंग बिहार से हुई। जल्द ही यह यूपी, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान में भी लांच होगी।

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