बिहार में जल नल योजना में भ्रष्टाचार की तस्वीर एक बार फिर से सामने आई है। मामला दरभंगा (Darbhanga) का है जहां के बहादुरपुर प्रखंड के टीकापट्टी गांव में बना नया नवेला जलमीनार टंकी में पानी भरते ही धराशायी होकर गिर गया। जल मीनार (Water Tank Fallen) गिरने के कारण उस पर रखा दस हजार क्षमता वाला पानी टंकी भी पूरी तरह से टूट गया। अच्छी बात यह रही कि इस घटना में जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। जलमीनार गिरने के बाद गांव में लोगो के बीच दहशत फ़ैल गई वहीं अधिकारियो के बीच हड़कंप मच गया।
आनन-फानन में घटना के बाद बहादुरपुर प्रखंड के BDO मौके पर पहुंचे लेकिन गड़बड़ी की जांच से ज्यादा इसकी दिलचस्पी लीपापोती करने में दिखाई। मौके पर ही उन्होंने बता दिया कि छत ढलाई के महज दस बारह दिन में ही सेंटरिंग खोल पानी टंकी चढ़ा देने के कारण ऐसी घटना हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसकी हर पहलू की जांच भी की जाएगी। गांव के लोगों ने साफ शब्दो में कहा कि कमीशनखोरी के कारण घटिया निर्माण किया गया और यही वजह है कि नया नवेला पानी टंकी जमींदोज़ हो गया।
ग्रामीणों ने सीधे तौर पर कहा की घटिया निर्माण के कारण यह पानी टंकी गिरी है। यहां बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी होती है जिसमे ज्यादा से ज्यादा तक पैसे बचाने के कारण घटिया निर्माण किया गया। रणधीर कुमार ने दावा किया कि सरकार के प्राक्कलन के अनुसार काम नहीं होता है चाहे वह पाइप हो या निर्माण सामग्री। CM सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल योजना के लिए साल 2020 के अप्रैल माह में ही वार्ड क्रियावान प्रबन्धन समिति को 15 लाख रुपए भेजे गये थे और इसी राशि से टंकी बनी थी।
मौके पर पहुंचे बहादुरपुर प्रखंड के BDO प्रदीप कुमार झा ने कहा कि यहां जल्द से जल्द काम करने का आदेश दिया गया था। देखने से यह पता चलता है कि यहां छत ढलाई के दस बारह दिन में ही सेटरिंग को हटा लिया गया और पानी का टंकी लगा दिया गया, इस कारण यह घटना हुई है। उन्होंने बताया कि उसी राशि से जल्द से जल्द दूसरा जलमीनार बनाने का आदेश दिया गया है इसके लिए अलग से कोई बजट नहीं दिया जाएगा।