रात में अगर कोई दरवाजा खटखटाकर खुद को पुलिस बताए तो फिर आप भी पुलिस को बुलाएं। तुरंत यूपी-112 पर काल करें। नहीं मिले तो तुरंत अपने चौकी प्रभारी, थाना प्रभारी या पुलिस कप्तान का नंबर डायल करें। मगर मकान का दरवाजा न खोलें, क्योंकि इसी तरह बीती 2 अक्टूबर को मोदीनगर में खाकी वर्दी में आए बदमाश कारोबारी समीर सिद्दीकी के घर दाखिल हो गए थे।
बदमाशों ने मासूमों की गर्दन पर चाकू रख 50 लाख की डकैती डाली और फरार हो गए। इस घटना के बाद जिले में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
कोरोना और Lockdown के प्रभाव हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। बदमाशों ने भी अपराध के तरीके में बदलाव किया है। मोदीनगर की डकैती इसका उदाहरण है। दरअसल पुलिस चोरी, लूट व डकैती की घटनाओं में बरामदगी के लिए अक्सर रात में ही संभावित ठिकानों पर दबिश देती है ताकि रात के अंधेरे अपराधी किसी से मदद न मांग सके। साथ ही पता न चले कि कहां से गिरफ्तारी और कहां से बरामदगी हुई है। पुलिस के इसी तरीके का अब बदमाश गलत फायदा उठा रहे हैं।
बदमाश इतने शातिर तरीके से बात करेंगे कि शुरुआत में इन पर शक भी नहीं होगा। पुलिस की ही तहर धमकी भरे लहजे में बात करेंगे। किसी ऐसी घटना के बारे में कहेंगे, जिसकी आपको जानकारी नहीं होगी। यकीन दिलाने के लिए थाना व चौकी समेत पुलिस की कार्यप्रणाली से जुड़े शब्दों का प्रयोग करेंगे। मोदीनगर में भी कारोबारी समीर की मां संजीदा से बदमाशों ने इसी तरह बातचीत की थी।
बदमाश बातचीत कर दरवाजा खुलवाने की पूरी कोशिश करेंगे। इतना नहीं यदि असली पुलिस भी रात के वक्त घर पर दस्तक देती है तो उन्हें दिन में आने को कहें। हालांकि दरवाजे के बाहर खड़े व्यक्ति पुलिसकर्मी हैं या बदमाश, यह पता करना मुश्किल है। इसीलिए यूपी-112 पर काल कर जानकारी दें। यदि दरवाजा खोलते हैं तो उससे पहले तैयारी कर लें। घर में मौजूद सभी सदस्य इकट्ठे हो जाएं। घर में यदि बच्चे हों तो उन्हें किसी एक व्यक्ति के साथ कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दें। मिर्च पाउडर और डंडा या रॉड ले लें ताकि पुलिस के वेश मे यदि बदमाश हों तो उनसे खुद ही निपट सकें।
लगातार बढ़ रहे अपराध और वारदात के बदलते तरीकों के बीच खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ नंबर अपने पास जरूर रखें। यूपी-112 के अलावा अपने क्षेत्र के बीट कांस्टेबल, चौकी प्रभारी व थाना प्रभारी का नंबर जरूर रखें। साथ ही एसपी सिटी या एसपी देहात और SSP का भी नंबर मोबाइल में सेव रखें। आपात स्थिति में यदि यूपी-112 नहीं लगता तो इनके नंबर पर फोन करें।
पुलिस को फोन करने के अलावा यदि बाहर खड़े व्यक्तियों की पड़ताल करनी है तो अपने पड़ोसियों को फोन करें। उनसे कहें कि आपके घर के बाहर कुछ लोग खड़े हैं, जो खुद को पुलिस बता रहे हैं। कोशिश करें कि आसपास के 4-5 घरों के लोग बाहर निकलकर आपके घर तक आएं। ऐसा होता है तो पुलिस के भेष में यदि बदमाश होंगे तो वे भाग जाएंगे क्योंकि बदमाश शोर व भीड़ से बचकर वारदात करते हैं।
SSP कलानिधि नैथानी ने बताया कि अपराधी नित नए तरीके अपना रहे हैं। इसीलिए रात में यदि कोई खुद को पुलिस बताकर आपके घर में घुसने का प्रयास करता है तो आश्वस्त होने के बाद ही दरवाजा खोलें। यूपी-112 से लेकर चौकी व थाना प्रभारी को काल करें। पड़ोसियों को बुलाएं। तुरंत दरवाजा न खोलें।