यूपी में ग्राम पंचायत चुनाव की तारीख अभी भले ही निर्धारित न हुई हो लेकिन पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी है। चुनाव सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस ने जिले में ऑपरेशन शस्त्र लाइसेंस चलाकर 306 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए हैं। इनमे सत्ताधारी पार्टी का एक नेता भी शामिल है।
शस्त्र का लाइसेंस लेकर शस्त्र खरीदने को लोग अपना रसूख समझते हैं। जिले में यूं तो शस्त्र लाइसेंस धारकों की संख्या काफी अधिक है। परंतु शस्त्र लाइसेंस धारक के मर जाने पर लाइसेंस पेंडिंग रहता है। इसके अलावा कोई मुकदमा दर्ज हो जाने य मुचलका पाबंद होने की दशा में भी लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। ऐसे में जिले में एसपी के निर्देश पर सभी थानों से इस तरह का इनपुट लिया गया। इसके अलावा एलआईयू की भी मदद ली गई। इसके बाद आई रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने जिले में 306 शस्त्र लाइसेंस धारकों के लाइसेंस निरस्त कराए हैं। जिनमे शहर कोतवाली में 23,थाना सुनगढ़ी में 3,थाना गजरौला में नौ,जहानाबाद में 40,अमरिया में 61,न्यूरिया में 25,बीसलपुर में 28,बिलसंडा में 12,बरखेड़ा में 38,दियोरिया कलां में एक,पूरनपुर में 27,माधौटांडा में 22,सेहरामऊ उत्तरी में तीन,हजारा में 14 लोगों के शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए गए हैं।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक शस्त्र लाइसेंस धारक के मर जाने के कारण जिले में सभी थाना क्षेत्रों को मिलाकर कुल 253 लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए गए हैं। इसी तरह मुचलका पाबंद होने और FIR दर्ज होने के प्रकरण में कुल 53 लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए गए हैं।
पीलीभीत में कुल 13036 शस्त्र लाइसेंस हैं। जिनमे बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र में शस्त्र लाइसेंस धारकों की संख्या सबसे अधिक है। यहां कुल 2074 शस्त्र लाइसेंस धारक है। हजारा में सबसे कम शस्त्र लाइसेंस धारक 145 ही हैं। SP जयप्रकाश का कहना है कि जिले में शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण को लेकर अभियान चलाया गया। मृतक आश्रित और मुकदमों में शामिल लाइसेंस धारकों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करा दिए गए।