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यूपी पंचायत चुनाव 2021: दावेदारों को पसंद नहीं आया नया आरक्षण, एक हजार से ज्यादा आपत्तियां

नए सिरे से आरक्षण जारी होने के बाद गंवई सियासत एक बार फिर से गर्म हो गई है। जो आरक्षण जारी किया गया है वह लोगों को रास नहीं आ रहा है। चुनाव की तैयारी कर चुके लोगों का गणित बिगड़ा तो आपत्ति दर्ज कराने के लिए दौड़ पड़े। सबके अपने-अपने तर्क हैं। सभी का दावा है कि उनकी ग्राम पंचायत का आरक्षण सही नहीं हुआ है। आपत्तियों की जांच करके सही आरक्षण जारी करने की मांग की है। सोमवार की शाम तक करीब एक हजार आपत्तियां पहुंच गईं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर पहले जारी किया गया आरक्षण रद होने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर नए सिरे से आरक्षण जारी किया गया। इस बार वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण तैयार किया गया। नए सिरे से जो आरक्षण जारी हुआ है वह अब लोगों को बिलकुल भी पसंद नहीं आ रहा है। चुनाव की तैयारियां कर चुके लोगों की सीट बदल जाने से उनको जोर का झटका लगा है। इसका अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि सोमवार की सुबह दस बजे से ही विकास भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय में आपत्तियां दर्ज कराने को सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ को देखते हुए यहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात करना पड़ा। घंटों तक लाइनों में लगकर लोगों ने अपनी आपत्ति दाखिल की। शाम तक आपत्ति दाखिल करने वालों की लाइनें लगी रहीं। एक अनुमान के मुताबिक सोमवार की शाम तक करीब एक हजार आपत्तियां पहुंच गईं। विभागीय अधिकारी भी इतनी भारी संख्या में आ रही आपत्तियों को देखकर दंग हैं। बताते चलें कि नए सिरे से आरक्षण जारी होने के बाद गंवई सियासत एक बार फिर गर्म है। कुछ लोगों को इससे फायदा मिला है वहीं कुछ को झटका लगा है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि आपत्तियां दाखिल करने वाले लोगों के अपने-अपने तर्क हैं। फिलहाल आपत्तियों को दर्ज करने के बाद इनका निस्तारण किया जाएगा।

आरक्षण पर आपत्तियां दर्ज कराने का मंगलवार को अन्तिम दिन है। मंगलवार की शाम पांच बजे तक आपत्तियां दर्ज की जाएंगी। इसके बाद आपत्तियों को एक जगह एकत्र कर इनका निस्तारण किया जाएगा। 24 व 25 मार्च को आपत्तियों का निस्तारण होना है। इसके बाद फाइनल आरक्षण जारी किया जाएगा।

आरक्षण जारी होने के बाद वैसे तो सबसे ज्यादा आपत्तियां ग्राम प्रधान की सीटों पर आ रही हैं। प्रधान बनने के लिए चुनाव की तैयारी कर चुके संभावित उम्मीदवारों का जब आरक्षण बदला तो अब वह आपत्तियां दाखिल कर रहे हैं। कई आपत्तिकर्ताओं ने बताया है कि उनकी सीट वर्ष 2000 से अब तक किन-किन वर्ग के लिए रही है। उनके हिसाब से सीट क्या होनी चाहिए यह भी बता रहे हैं। आपत्तियां ब्लॉक, जिला पंचायत कार्यालय में भी पहुंच रही हैं। हालांकि जिला पंचायत राज अधिकारी सौम्य शील सिंह का कहना है कि सभी आपत्तियों की जांच करने के बाद इनका निस्तारण किया जाएगा। आरक्षण पूरी तरह पारदर्शिता के साथ किया गया है।

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