UP Election Result

UP Election Result: अखिलेश-तेजस्वी पर भारी योगी-नीतीश का ‘MY’, ऐसे बदल गई यूपी-बिहार की सियासत

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टीकी बड़ी जीत हुई है. UP Election Result: चर्चा इस बात की भी होने लगी कि समाजवादी पार्टी ने बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है. इसके पीछे तर्क यह भी दिए गए कि मुस्लिम और यादव समुदाय के मतदाताओं ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पक्ष में जमकर वोटिंग की है. राजनीति के जानकार लगातार इस बात को चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हुए कहते हैं कि पिछली बार की तुलना में समाजवादी पार्टी गठबंधन को 2017 की 22 प्रतिशत की तुलना में इस बार 14 प्रतिशत अधिक मत मिले हैं और इसमें मुस्लिमों 19 प्रतिशत और यादव जाति के 9 प्रतिशत मतों का बड़ा योगदान है. वहीं, इन आंकड़ों की तुलना भाजपा की 44 प्रतिशत से मतों से हो रही है जिसमें महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है. इसके पीछे का कारण केंद्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का भी रहा. यानी योगी को भी महिला यानी ‘M’ और योजना यानी ‘Y’ का समर्थन प्राप्त हुआ है. स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ की जीत में भी ‘MY’ फैक्टर का बड़ा योगदान है.

UP Election Result: योगी आदित्यनाथ के इस ‘MY’ की तुलना पड़ोसी राज्य बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘MY’ से की जा रही है. दरअसल, बिहार में भी सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दलके ‘माय’ समीकरण यानी मुस्लिम-यादव वोट बैंक की राजनीति के तोड़ के लिए अपना माय समीकरण यानी ‘महिला+ योजना’ बनाया. यही वजह रही कि 2005 में राजद से सत्तान्तरण होने के बाद वर्ष 2010 में जदयू-भाजपा की बंपर जीत हुई थी. अपने 2005 से 2010 के कार्यकाल में नीतीश सरकार ने महिलाओं को पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर खामोश क्रांति का आगाज कर दिया था. इसका लाभ नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार को मिला. योगी सरकार ने भी इसी तरह महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाईं और इसका लाभ इस चुनाव में मिला.

यूपी चुनाव में कई निर्वाचन क्षेत्रों में महिला मतदाताओं का मतदान पुरुषों से अधिक रहा. यूपी में चौथे चरण के बाद से महिलाओं के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज की गई. छठे चरण में जहां 62.62% महिलाओं ने वोट डाले जबकि केवल 51.03% पुरुषों ने मतदान किया. पांचवें चरण में भी पुरुषों पर महिला वोटर्स की करीब 4 फीसदी बढ़त रही. साल 2010 में बिहार विधानसभा चुनावों में महिला वोटर्स के दम पर ही नीतीश कुमार को जीत मिली. इसमें कुल 52.67% मतदान हुआ था. इस मतदान में 54.49 महिलाओं ने मतदान किया था. वहीं, पुरुषों का मत 51.12% ही रहा था. तब कुल 52.71% वोटिंग हुई थी यानी पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 7 फीसदी ज्यादा. यहां यह भी बता दें कि साल 2017 में यूपी में भाजपा को जीत दिलाने में भी महिला वोटर्स ने साथ दिया था. इसमें बीजेपी को रिकॉर्ड 41% महिलाओं ने वोट किया था. बीएसपी को 23%, सपा को 20% और कांग्रेस को महज 5% महिलाओं ने वोट दिया था.

UP Election Result: महिलाओं को जो डायरेक्ट असर करता है ऐसा बड़ा मुद्दा है- सुरक्षा का माहौल. बिहार में जिस प्रकार नीतीश सरकार ने 2005 से 2010 के बीच में कानून व्यवस्था को लेकर कार्य किया, इसका फायदा यही रहा महिलाओं ने नीतीश सरकार को भरपूर समर्थन दिया और नीतीश सरकार की सत्ता में वापसी करवाई. महिलाओं के लिए विभिन्न लाभकारी योजनाओं के साथ ही नीतीश सरकार महिलाओं के लिए लगातार कार्य करती रही. वर्ष 2016 में शराबबंदी कानून लागू कर महिलाओं का विश्वास पाया और इसका लाभ 2020 के विधान सभा चुनाव में प्राप्त किया. योगी आदित्यनाथ भी लोक कल्याणकारी योजनाओं और माताओं एवं बहनों की सुरक्षा को प्रधानता देते हैं.

बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन के लिए महिला मतदाताओं ने एक साइलेंट फ़ोर्स का काम किया था. राजद की अंदरुनी लहर थी और पहले चरण में तेजस्वी यादव की पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था. लेकिन महिलाओं को लगा कि कहीं राजद का पुराना ‘जंगलराज’ (लालू-राबड़ी शासनकाल को पटना हाई कोर्ट ने जंगलराज कहा था) तो नहीं लौट आएगा, इस डर से महिलाओं ने दूसरे-तीसरे चरण में मामला पलट दिया था. एनडीए गठबंधन पहले चरण में कमजोर पड़ने के बाद दूसरे और तीसरे चरण में एनडीए ने अच्छी सीटें जीती थी. तीसरे चरण में 65.5 प्रतिशत और दूसरे चरण में 58.8 प्रतिशत महिलाओं ने वोटिंग की थी. इन दोनों चरणों में महिला मतदाता पुरुषों की तुलना में ज्यादा रही थी. यही कारण रहा कि राजद सत्ता के करीब होकर भी दूर हो गई और नीतीश कुमार फिर एक बार मुख्यमंत्री बन गए.

ठीक यही बात यूपी में भी देखने के मिली जब महिलाओं ने आखिरी के चरणों में खुलकर भाजपा गठबंधन के पक्ष में किया. छठे चरण में जहां 62.62% महिलाओं ने वोट डाले जबकि केवल 51.03% पुरुषों ने मतदान किया. यही नहीं, राजनीति के जानकार मानते हैं कि पश्चिमी यूपी में जहां जाट समुदाय के अधिकतर पुरुषों ने भाजपा के प्रति नाराजगी जाहिर की वहीं, महिलाओं ने अपने परिवार की लाइन को ही चुनौती दी और अधिकतर महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया. साफ है कि महिलाओं ने जहां योजनाओं के लिए भाजपा का समर्थन किया वहीं एक वर्ग ऐसा रहा जिसे योजनाओं का लाभ मिला और भाजपा को भरपूर समर्थन दिया. यानी अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव के मुस्लिम-यादव यानी ‘माय’ समीकरण पर सीएम योगी आदित्यनाथ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ‘माय’ समीकरण भारी पड़ा. UP Election Result:

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