दिल्ली में अब 7 जून सुबह 5 बजे तक रहेगा कोरोना कर्फ्यू

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) मेंं अनलॉक की प्रक्रिया के बीच डीडीएमए ने एक बार फिर कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) बढ़ा दिया है. अब दिल्ली में 7 जून की सुबह 5 बजे तक कोरोना कर्फ्यू रहेगा. आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर व्यक्तियों की आवाजाही पर पाबंदी होगी. जरूरी सेवाओ के अलावा सिर्फ़ कन्स्ट्रक्शन और फ़ैक्टरी के लोगों को छूट रहेगी. कन्सट्रक्शन और फ़ैक्टरी दोनों में कोविड प्रोटकॉल फ़ॉलो करना होगा.

मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्शन यूनिट के मालिक, कॉन्ट्रैक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वो कोविड नियमों का पालन करवाएं. काम की जगह पर बिना लक्षण वाले लोग ही काम करेंगे. मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंस के अलावा पब्लिक प्लेस पर थूकने की मनाही होगी. पान गुटखा, तम्बाकू शराब पर भी पाबंदी रहेगी. सबका टेम्प चेक होगा. हाथ धोने और सैनेटाइज करने की व्यवस्था हर एंट्री एग्ज़िट और कॉमन पाइंट पर करने के निर्देश दिए गए है. काम की जगह को नियमित सैनिटाइजेशन करने के निर्देश है. नियम टूटने या ना पालन होने की स्तिथि में ओफिस बंद करवाए जा सकते है और उन पर क़ानूनी कड़ी करवाईं की जा सकती है. काम पर आने वालों के पास E- पास होना चाहिए जो दिल्ली सरकार की वेब्सायट से बनेगा.

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद विशेषज्ञ तीसरी लहर की भी चेतावनी दे रहे हैं. साथ ही इस लहर में दूसरी लहर से कई गुना ज्‍यादा कोरोना केस आने की भी बात कह रहे हैं. आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों की ओर से तीसरी लहर की चेतावनी के बाद अब आईआईटी दिल्‍ली की ओर से कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जो काफी चौंकाने वाली है. दिल्‍ली हाईकोर्ट में फाइल की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर में दिल्‍ली में 45000 मामले तक रोजाना आ सकते हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी लहर के मुकाबले 30-60 फीसदी तक ज्‍यादा मामले देखने को मिल सकते हैं जो एक बड़ी संख्‍या है. वहीं मामले इस हद तक गंभीर भी हो सकते हैं कि करीब नौ हजार लोगों को रोजाना अस्‍पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़े.

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कोरोना का संक्रमण तीसरी लहर में गंभीर होने के साथ ही ज्‍यादा बड़ी संख्‍या को अपनी चपेट में ले सकता है. इस रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि अगर तीसरी लहर में मामले बढ़ते हैं तो मरीजों की संख्‍या के साथ ही उनके लिए सुविधा और अस्‍पतालों की हालत क्‍या होगी साथ ही ऑक्‍सीजन की जरूरत और उसकी पूर्ति की क्‍या संभावना रहेगी.

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