केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल में आयोजित जनता दरबार में भड़क उठे. उन्होंने डुमरांव थाने के एएसआई को वर्दी उतरवा लेने की धमकी तक दे डाली. मीडिया में मामला गरमाने पर अब उन्होंने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ वर्ष 2003 में विरोध जता रहे कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को वर्तमान प्रशासन ने ‘गुंडा’ कहा था. मैंने पुलिसकर्मियों से कहा कि किसी को ‘गुंडा’ कहना ठीक नहीं है.
क्या है मामला?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल में सोमवार को जनता दरबार आयोजित किया गया था. इसमें नया भोजपुर के लक्ष्मण दुबे ने बताया कि नया भोजपुर थाने में पांच नवंबर 2003 को मैं अपने गांव के कुछ लोगों के साथ सिपाही और अपराधियों के खिलाफ धरना दिया. इसके बाद मेरा नाम गुंडा एक्ट में दर्ज करा दिया गया. इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने नया भोजपुर ओपी प्रभारी को फटकार लगाते हुए कहा कि यह व्यक्ति जो सदैव समाज की सेवा के लिए तत्पर रहता है क्या यह ‘गुंडा’ है. उन्होंने पुलिस प्रशासन को कहा कि आम जनता को बेवजह परेशान करने की आदत से आप लोग बाज आये. साथ ही उन्होंने डुमरांव थाने के एएसआई को वर्दी उतरवा लेने तक की धमकी दे डाली.
मंत्री ने दी सफाई
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने मंगलवार को सफाई देते हुए कहा कि ”कुछ भाजपा कार्यकर्ता और अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने 2003 में भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ विरोध किया था. वर्तमान प्रशासन ने उन्हें ‘गुंडा’ कहा था. मैंने पुलिसकर्मियों से कहा कि यह किसी को ‘गुंडा’ कहना ठीक नहीं है.