Ukaraine-russia war explainer

यूक्रेन पर रूसी हमले को पुरे हुए 12 दिन : अब तक क्या कुछ हुआ?

रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस में बातचीत का तीसरा दौर शुरू हो चुका है. दोनों पक्षों के बीच दो दौर की बातचीत नाकाम रही है. समझा जाता है कि बातचीत के केंद्र में एक बार फिर मानवीय कॉरिडोर का मुद्दा रहेगा.
इस कॉरिडोर से लोग रूसी बमबारी के शिकार इलाकों से सुरक्षित निकल सकेंगे. रूस ने एक अस्थायी संघर्ष विराम के तहत मानवीय कॉरिडोर मुहैया कराने की पेशकश की है. यूक्रेन ने इसे ”अनैतिक” कहा है, जबकि ब्रिटेन ने कहा है कि यह इतना मानवविरोधी है कि इसकी कल्पना करना मुश्किल है.
रूस की पेशकश के मुताबिक यूक्रेनी राजधानी कीएव से भाग रहे लोगों को रूस के सहयोगी बेलारूस तक सुरक्षित जाने का रास्ता दिया जाएगा, जबकि खारकीएव में फंसे यूक्रेनी एक कॉरिडोर के जरिये सिर्फ रूस में पहुंच पाएंगे.
रूसी सेना के घेरे में मौजूद यूक्रेनी शहर मारियुपोल और सूमी से लोगों को निकालने का जो रास्ता तय किया गया है वह यूक्रेनी और रूसी शहरों में पहुंचेगा.
यूक्रेन ने कहा है कि रूसी सेना अस्पताल, नर्सरियों और स्कूलों को निशाना बना रही है. नागरिक उसके इस हमले में फंसे हुए हैं.
रूस ने इस बात से इनकार किया है कि उसकी सेना नागरिकों को निशाना बना रही है. उसका कहना है कि वह यूक्रेन के ‘राष्ट्रवादियों’ और ‘नव-नाजियों’ के खिलाफ विशेष सैन्य ऑपरेशन चला रहा है.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कच्चे तेल के दाम काफी बढ़ गए हैं. इसकी कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है. जबकि गैस की अगले दिन की डिलीवरी की कीमत बढ़ कर दोगुनी हो गई है. पहली बार ब्रिटेन में पेट्रोल की औसतन कीमत 1.55 पाउंड प्रति लीटर पर पहुंच गई.
अमेरिका ने रूस से तेल, गैस की खरीद रोकने के संकेत दिए हैं. वह कुछ अन्य देशों से इसकी इसकी खरीद को बढ़ा सकता है. ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन कनाडा और नीदरलैंड के प्रधानमंत्रियों से लंदन में बातचीत कर रहे हैं. पश्चिमी देश रूस पर और प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं.
यूक्रेन के शरणार्थियों पर ब्रिटेन की नीति की समीक्षा के बीच ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने इस बात पर जोर दिया है कि उनकी सरकार यूक्रेन छोड़ कर भाग रहे लोगों के प्रति ”काफी उदार” रहेगी. लेकिन उन्हें बगैर रोक-टोक के ब्रिटेन में नहीं आने देगी.

रूस और यूक्रेन के वार्ताकारों के बीच बेलारूस में तीसरे दिन की बातचीत शुरू हो चुकी है. दोनों पक्षों के बीच दो दौर की बातचीत नाकाम रही है.

समझा जाता है कि बातचीत के केंद्र में एक बार फिर मानवीय कॉरिडोर का मुद्दा रहेगा. इस कॉरिडोर से लोग रूसी बमबारी के शिकार इलाकों से सुरक्षित निकल सकेंगे.

बातचीत शुरू होने से चंद मिनट पहले यूक्रेनी वार्ताकार मिखाइलो पोदोलेक ने रूस से नागरिकों पर हमला रोकने की अपील की.

युद्धग्रस्त यूक्रेन से अब तक 17 लाख लोग पलायन कर चुके हैं. सोमवार को यूक्रेन पर रूस के हमले का 12वां दिन रहा.

यूक्रेन के दक्षिणी और पूर्वी इलाकों के शहरी केंद्रों पर रूस की भारी बमबारी लगातार जारी है. इससे पहले शनिवार को संघर्षविराम टूटने के बाद मानवीय कॉरिडोर बनाने की कोशिश नाकाम हो गई थी.

रविवार की रात रूस के मानवीय कॉरिडोर बनाने की नई पेशकश को यूक्रेन ने ‘नामंजूर’ कर दिया. यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेश्चुक ने कहा कि कीएव के लोगों को रूस के सहयोगी बेलारूस जाने के लिए सुरक्षित कॉरिडोर दिया जा रहा है, जबकि खारकीएव के लोग को रूस जाने का कॉरिडोर मिलेगा.

जिन चार शहरों से कॉरिडोर दिए जाने की बात की जा रही है उनमें से तुलनात्मक रूप से छोटे शहर मारियुपोल और सूमी से ही यूक्रेन के दूसरे हिस्सों में जाने का रास्ता दिया जा रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदोमीर जेलेंस्की के प्रवक्ता ने इसे ‘ पूरी तरह अनैतिक कहानी’ करार दिया है.

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