1 सितंबर से नया Motor Vehicle act-2019 लागू होने के बाद से लगातार ट्रकों के हो रहे चालान की वजह से all India motor Transporters association ने बृहस्पतिवार को हड़ताल की घोषणा की है। इससे दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार को सार्वजनिक वाहनों के पहिए थम सकते हैं। नए मोटर वाहन कानून से बढ़े कई गुना जुर्माने के साथ ही बढ़ी बीमा की राशि व आरएफआइडी टैग की अनिवार्यता समेत अन्य मुद्दों को लेकर ट्रक, टेंपों, बस, आटो, कैब, टैक्सी समेत अन्य सार्वजनिक व व्यवसायिक वाहन संगठनों ने बृहस्पतिवार को एक दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। इसमें 25 हजार ट्रक, 35 हजार आटो, 50 हजार के करीब टैक्सी व कैब के साथ स्कूल बसें और स्कूल कैब भी शामिल होंगी।
हालात के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में छुट्टी का एलान किया गया है। दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में स्थित फादर एग्नेल स्कूल में बंद के कारण स्कूलों की छुट्टी का एलान किया है। इसके लिए माता-पिता को मैसेज करने के साथ स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी इस तरह की सूचना दी गई है। नोएडा में भी कुछ स्कूलों ने बृहस्पतिवार को छुट्टी कर दी है। माना जा रहा है कि ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल और चक्का जाम के चलते दिल्ली के साथ नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम फरीदाबाद शहर में आम जन जीवन प्रभावित हो सकता है।
इससे पहले सोमवार (16 सितंबर) को संशोधित मोटर वाहन अधिनियम -2019 के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union transport minister Nitin Gadkari) को ज्ञापन सौंपने के लिए कूच किया था। संबंधित मंत्रालय को मांग पत्र भी सौंपा था, जिसमें नए मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की राशि को कम करने समेत चार मांगे हैं, जिसमें चालान का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एसीपी और एसडीएम स्तर के ही अधिकारी को देने, चालान में पारदर्शिता व आधुनिकीकरण को अपनाने, दुर्घटना बीमा में तृतीय पक्ष दायित्व को और स्पष्ट करना भी शामिल है।