कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई 21 सितंबर को भी जारी रहेगी. गुरुवार को ईडी की तरफ से बहस पूरी कर ली गई। ईडी की तरफ से एएसजी केएम नटराज ने कोर्ट में बहस की। ईडी ने कहा कि सवाल ये उठता है कि डीके शिवकुमार ने इतनी संपत्ति कहां से अर्जित की। पीएमएलए का केस अलग होता है। अगर शिवकुमार ने आईटी रिटर्न्स दी है तो भी इस केस में कोई फर्क नहीं पड़ता।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि 1997 से 2014 के बीच शिवकुमार की औसतन आय 3 लाख रुपये थी, लेकिन साल 2014 से 2016 के बीच आय करीब 9 लाख रुपये हुई। कैश का इस्तेमाल कर बहुत सी सम्पत्ति बनाई गई। इसके अलावा 2 बैंक खातों में 2 करोड़ से ऊपर की नकदी जमा है। ऐसे ही ४ बैंक कहते और है जिनकी जाँच अभी शुरू भी नहीं की गई है। इन दोनों खाते में करीब 161 करोड़ का लेन-देन हुआ है।
ईडी के मुताबिक, शिवकुमार के भाई के नाम पर 1990 से 27 ऐसी संपत्तियां हैं, जिन्हें नकद या फिर हिंदू अविभाजित परिवार से लोन लेने के नाम पर खरीदा गया. शिवकुमार की बेटी के नाम पर भी 80 करोड़ की संपत्ति दिखाई गई है. यहां भी वही तरीका अपनाया गया है. अब हमारे पास कुल 317 बैंक खातों की जानकारी है.डीके शिवकुमार की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि सर्च में 8 करोड़ रुपये की नकदी मिली थी. आयकर विभाग की शिकायत और ईडी की जांच बताती है कि ये अघोषित नकदी का संबंध आरोपी से है.
ईडी की तरफ से पेश हुए एएसजी केएम नटराज ने पी. चिदंबरम मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का भी हवाला दिया। कोर्ट ने शिवकुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई शनिवार यानी 21 सितंबर तक के लिए टाल दी है। गुरुवार को डीके शिवकुमार को तिहाड़ भी भेज दिया गया।