Cash For Query Case: महुआ मोइत्रा की ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में फंसी हुई हैं. इस मामले में रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और उसे संसद के निचले सदन में पेश कर दिया जाएगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार महुआ मोइत्रा के मामले में उन्हें भी लोकसभा में अपना पक्ष रखने और विपक्ष को चर्चा का मौका मिल सकता है.
लोकसभा में ‘धन लेकर सवाल पूछने’ के मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश वाली आचार समिति की रिपोर्ट शुक्रवार को निचले सदन में पेश की जा सकती है. पहले यह रिपोर्ट चार दिसंबर को लोकसभा में पेश किये जाने के लिए सदन की कार्यसूची में सूचीबद्ध थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार महुआ मोइत्रा के मामले में उन्हें भी लोकसभा में अपना पक्ष रखने और विपक्ष को चर्चा का मौका मिल सकता है. सूत्रों के मुताबिक स्पीकर ओम बिरला ने कल अपने चेंबर में टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय से मुलाकात की थी. उस दौरान बताया थ. कि मोइत्रा के मामले में फैसला दोपहर में लिया जाएगा. बंदोपाध्याय ने उस दौरान कहा था कि विपक्ष इस मसले पर चर्चा चाहता है.
कुछ विपक्षी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया है कि महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने पर फैसला लिए जाने से पहले समिति की सिफारिशों पर सदन में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, ‘यदि रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है तो हम विस्तृत चर्चा कराने पर जोर देंगे. रिपोर्ट का मसौदा तो ढाई मिनट में ही स्वीकार कर लिया गया था.
भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने गत नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने’ के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था. समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था. इनमें कांग्रेस से निलंबित सांसद परणीत कौर भी शामिल थीं.
समिति के चार विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट दिए थे. विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को ‘फिक्स्ड मैच’ करार देते हुए कहा था कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की जिस शिकायत पर समिति ने विचार किया, उसके समर्थन में ‘सबूत का एक टुकड़ा’ भी नहीं था. यदि सदन समिति की सिफारिश के पक्ष में मतदान करता है तो मोइत्रा को सदन से बर्खास्त किया जा सकता है.