लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने की खबरें आ रही हैं. इधर, तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता, राहुल गांधी को विपक्ष का चेहरा नहीं मान रहे हैं. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को चेहरा बता रहे हैं. गुरुवार को कोलकाता में हुई टीएमसी की आंतरिक बैठक में यह बात सामने आई. अब जब विपक्षी दलों के एक साथ आने की अटकलें तेज हो रही हैं, तो ऐसे समय में टीएमसी नेता की तरफ से आए इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है.
TMC के वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘हम कांग्रेस के बगैर गठबंधन की बात नहीं कर रहे हैं. मैंने राहुल गांधी को लंबे समय तक देखा है और उन्होंने खुद को मोदी के विकल्प के तौर पर विकसित नहीं किया है. पूरा देश ममता को चाहता है, इसलिए हम ममता का चेहरा रखेंगे और प्रचार अभियान चलाएंगे.’ हाल ही में सीएम बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने भी एक बयान के जरिए कांग्रेस को कमजोर बताया था.
TMC ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए हमेशा सम्मान रखा है, लेकिन जब भी बात राहुल गांधी की आती है, तो पार्टी के नेताओं ने आपत्ति जाहिर की है. पार्टी चाहती है कि ममता विपक्ष का चेहरा बनें और पार्टी के नेताओं ने यह मांग बार-बार दोहराई है. हालांकि, सीएम बनर्जी अब तक यही कह रही हैं कि उनके लिए पद से ज्यादा विपक्ष की एकता मायने रखती है.
CM ममता के दिल्ली दौरे का विश्लेषण दिखाता है कि यह विपक्षी की एकता से भरा हुआ था. हालांकि, संसद सत्र शुरू होने के बाद राहुल गांधी की नाश्ता बैठक में टीएमसी भी शामिल हुई थी. लेकिन टीएमसी ने यह बता दिया था कि वे विपक्षी एकता के कार्यक्रमों में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं और इस बात से सहमत नहीं हो सकते कि हर चीज का आयोजन राहुल गांधी करें.
बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद TMC ने इस बात पर जोर दिया है कि 2024 की जंग में कांग्रेस अगुवा नहीं, साथ लड़ने वाला योद्धा है. बंदोपाध्याय की तरफ से भी दिए गए बयान में यही भावना नजर आई थी. कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा, ‘2024 में क्या होगा, इसका अनुमान अभी से लगाना बहुत जल्दबाजी है.’ अब तक कांग्रेस और टीएमसी के बीच संबंध अच्छे रहे हैं. सियासी जानकारों का मानना है कि 2024 तक इन संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आएंगे.