Coronavirus Epidemic

Third Wave Alert: वैक्सीन की डोज लेने वाले भी फैला सकते है डेल्टा पल्स वेरिएंट!, स्टडी में हुआ ये खुलासा

महाराष्ट्र के मुंबई में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट से पहली मौत का मामला सामने आया है. 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत को फेफडों की बीमारी थी, हालांकि उन्हें कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं. जीनोम सिक्वेंसिंग की मदद से बुधवार को यह सामने आया कि वह डेल्टा प्लस से संक्रमित थीं. वहीं, शोधकर्ताओं ने वायरस को दूसरों तक फैलाने वाले सफल संक्रमणों के बारे में चिंता व्यक्त की है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अध्ययनों से पता चलता है कि डेल्टा वेरिएंट के कारण भारत में कोरोना की दूसरी लहर आई, अन्य वेरिएंट की तुलना में टीकाकरण वाले लोगों के माध्यम से फैलने की अधिक संभावना है. यूएस और यूके की रिपोर्टों में इस बात के संकेत मिले है कि सार्स कोव-2 (SARS CoV-2) के डेल्टा संस्करण से संक्रमित लोग उतना ही वायरल लोड ले सकते हैं, जितना कि बिना टीकाकरण वाले लोग. शोधकर्ताओं ने पीसीआर परीक्षणों का अध्ययन किया, जो डेल्टा संस्करण के कारण मामलों में एक नए उछाल के बाद स्थिति का विश्लेषण करने के लिए डीएनए और थ्रेशोल्ड साइकिल (CT) डेटा को बढ़ाकर वायरस की आनुवंशिक सामग्री का पता लगाते हैं.

MedRxiv प्रीप्रिंट में प्रकाशित एक अध्ययन, जिसकी अभी तक पीयर-रिव्यू की जानी है, में कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट के उच्च और बढ़ते प्रसार के समय, वैक्सीन की स्थिति के बावजूद, व्यक्तियों के नाक के स्वाब में समान वायरल लोड थे. नए निष्कर्ष सुरक्षात्मक उपायों के महत्व पर जोर देते हैं, जिसमें टीकाकरण समूहों के बीच भी संचरण को कम करने के लिए घर के अंदर मास्क पहनना शामिल है.

ऐसा कहा जा रहा था कि भारत में मौजूद कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट बेहद खतरनाक और संक्रामक है. लेकिन, सरकारी पैनल इंसाकाग ने साफ करते हुए कहा है कि डेल्टा से पैदा हुआ डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले कम संक्रामक हो सकता है. बताया गया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में ऐसे कोई लक्षण नहीं दिखे जो डेल्टा से अलग तरह के हों. डेल्टा में पेटदर्द, जी मिचलाना, उलटी, भूख न लगना, सूंघने की क्षमता कम होना, जोड़ों में दर्द जैसी दिक्कतें देखी गई हैं.

वहीं, भारत सरकार का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट पर भारत में उपलब्ध कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों असरदार हैं. हालांकि, विदेश में हुई कुछ स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ बाकी वैरिएंट की तुलना में कुछ कम ऐंटीबॉडी बनाती हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक 65 केस सामने आ चुके हैं. जबकि, मुंबई में अब तक 11 केस मिले हैं. डेल्टा प्लस वेरिएंट को भारत सरकार पहले ही वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर चुकी है.

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