स्टील उत्पादक कंपनी टाटा स्टील को आतंकी हमले से खतरा है। बीते शाम सेंटर फॉर एक्सीलेंस सभागार में राउंड टेबल मीटिंग में कंपनी के सिक्योरिटी एंड ब्रांड प्रोटेक्शन चीफ गोपाल प्रसाद चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर से अलकायदा से जुड़े आतंकी कटकी और कलीमुद्दीन पकड़े जा चुके हैं। यहां दो वर्ष पहले बेल्डीह कालीबाड़ी के पास एक डस्टबिन में बम विस्फोट हुआ था। आतंकी खतरे को देखते हुए ही टाटा स्टील की सुरक्षा-व्यवस्था को पुख्ता किया गया है।
उन्होंने बताया कि टाटा स्टील, जमशेदपुर वर्क्स 24 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है। इसकी 17 किलोमीटर लंबी चारदीवारी, कंपनी परिसर के अंदर 203 किलोमीटर का रेलवे व 85 किलोमीटर का रोड नेटवर्क है। 11 मिलियन टन स्टील का उत्पादन करने वाली टाटा स्टील में विभिन्न माइंस से 36 मिलियन टन कच्चा माल आता है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि न सिर्फ साइबर बल्कि बाहरी आतंकी घटना से कंपनी को सुरक्षित रखना है।
आतंकी सरकारी इमारतों के बजाए अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझी जाने वाली कंपनियों को निशाना बनाते हैं, ताकि देश को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक नुकसान पहुंचाना जा सकें। इसलिए 15 हजार स्थायी, 35 हजार अस्थायी कर्मचारियों सहित शेयरधारकों व निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए कंपनी की सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
कंपनी की चारदीवारी पर इलेक्टिक फेंसिंग किया गया है। किसी भी बाहरी तत्व के छूते ही मात्र दो सेकेंड के अंदर कंट्रोल कमांड एरिया को सूचना मिल जाएगी। इस मौके पर टाटा स्टील, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन चीफ कुलवीन सूरी भी मौजूद थे। कंपनी को सेंट्रल व स्टेट इंडस्टियल सिक्योरिटी फोर्स द्वारा भी सुरक्षा प्रदान की जा रही है।