टीम इंडिया में चल रहा मतभेद अब खुल कर सामने आ गया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विराट कोहली और टीम के कुछ खिलाड़ियों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा था। इसी को ठीक करने के लिए पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को मेंटर के तौर पर टीम में लाया गया है। हम आपको बता रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ कि धोनी अचानक से बतौर स्टाफ ही सही, लेकिन टी-20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया में शामिल हो गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, धोनी को सिर्फ मेंटर के तौर पर नहीं, बल्कि टीम को एकजुट करने के लिए लाया गया है। सूत्रों का कहना था कि भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में मतभेद काफी बढ़ गए थे। बीसीसीआई के लिए इसको संभाल पाना मुश्किल हो रहा था और उन्हें चिंता थी कि मतभेद की वजह से टी-20 विश्व कप में टीम का प्रदर्शन गिर न जाए।
बीसीसीआई के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि टीम के कई खिलाड़ी कप्तान विराट कोहली को लेकर बोर्ड से शिकायत कर रहे थे। बीसीसीआई के सीनियर अधिकारियों को लगा कि धोनी जैसा व्यक्ति ही इस मतभेद को सुलझा सकता है, क्योंकि टीम के सभी खिलाड़ियों में उनके प्रति सम्मान है।
दरअसल, यह पूरा विवाद न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद शुरु हुआ है। कोहली ने मैच के बाद कई सीनियर खिलाड़ियों के मैच के प्रति रवैये को लेकर बोर्ड से शिकायत की थी। इसमें चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और रविचंद्र अश्विन जैसे खिलाड़ी शामिल है। इसके बाद उपकप्तान रहाणे ने बोर्ड सचिव जय शाह से कहा था कि टीम के कुछ खिलाड़ी खुश नहीं हैं।
कोहली के खराब फॉर्म ने इस मामले को और उलझा दिया। माना जा रहा है कि कोहली का खराब फॉर्म में होकर दूसरे खिलाड़ियों को लेकर शिकायत करना बाकी सीनियर खिलाड़ियों को नागवार गुजरा। उनका मानना था कि कोहली का खराब फॉर्म ही उनके खराब फैसले के लिए जिम्मेदार है।
इसके बाद बोर्ड ने खिलाड़ियों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश भी की, लेकिन सफल नहीं हुए। टेस्ट चैंपियनशिप के बाद कोहली ने अश्विन को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी मौका नहीं दिया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि हेड कोच रवि शास्त्री भी अश्विन को टीम में लेने के पक्ष में थे, लेकिन कोहली रवींद्र जडेजा को ही खिलाना चाहते थे।
टेस्ट सीरीज के बाद टी-20 विश्व कप के लिए चुनी गई टीम में कोहली युजवेंद्र चहल को शामिल करना चाहते थे। वहीं, रोहित शर्मा ने अश्विन को शामिल करने का समर्थन किया था। इस फैसले से कोहली खुश नहीं थे।
टी-20 विश्व कप के लिए टीम चुने जाने से पहले रिपोर्ट आई थी कि कोहली कप्तानी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। बोर्ड ने हालांकि, इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, लेकिन कोहली ने पिछले हफ्ते टी-20 में भारतीय टीम की कप्तानी छोड़ने का एलान कर दिया। यह दर्शाता है कि मामला बीसीसीआई के हाथों से निकल चुका है और वह जल्द से जल्द इसे सुलझाना चाहते हैं।
यही वजह है कि धोनी को इस काम के लिए सबसे बेहतर उपाय माना गया। बोर्ड चाहता है कि खिलाड़ियों और कप्तान के बीच हुए मनमुटाव को खत्म किया जाए। बोर्ड को उम्मीद है कि धोनी जैसे सम्मानित व्यक्ति के रहने से ड्रेसिंग रूम फिर से ठीक हो जाएगा। अब यह देखने वाली बात होगी कि ऐसा होता है या नहीं।
बतौर टी-20 कप्तान कोहली का यह पहला और आखिरी विश्व कप होगा। ऐसा बताया जा रहा है कि कोहली वनडे की कप्तानी छोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं। ऐसा नहीं हुआ तो बीसीसीआई उन्हें कप्तानी छोड़ने को भी कह सकता है।