उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि क्या उत्तर प्रदेश में जंगलराज है, जो वहां के वकीलों को पता ही नहीं है कि किस नियम के तहत काम करना चाहिए। इसके अलावा सुप्रीम अदालत ने ये भी पूछा है कि सरकार किस कानून के तहत मंदिर और उनकी संस्थाओं की निगरानी कर रही है। ये मामला बुलंदशहर के एक मंदिर से जुड़ा है, जहां मंदिर प्रशासन पर दान के पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है। इन आरोपों के बाद प्रदेश सरकार ने मंदिर को चलाने के लिए एक बोर्ड का भी गठन किया था, मगर मामला संभल नहीं और सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
सुप्रीम कोर्ट की इन तीखी टिप्पणियों के सामने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरकत में आए हैं और लिखित हलफनामा दायर करने के लिए सर्वोच्च अदालत से कुछ समय मांगा है। हैरानी की बात ये रही कि वकील ये भी नहीं बता पाए कि उत्तर प्रदेश में किस कानून के तहत मंदिरों के प्रशासन को देखा जाता है। सुप्रीम कोर्ट में मंदिर की ओर से उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया कि उत्तर प्रदेश की सरकार का ये निर्णय गलत है और मंदिर का बोर्ड बनाने में किसी कानून का पालन नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान ये भी पूछा कि सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार का कोई अधिकार अदालत में मौजूद क्यों नहीं है, जो वकील को जानकारी दे सके और सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब भी दे पाए।
बता दें कि दो महीने से भी कम समय में सुप्रीम कोर्ट ने ये दूसरी बार उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। इससे पहले पिछले महीने एक मुस्लिम लड़की की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि महिलाओं और बाल अधिकारों के प्रति आप गंभीर नहीं है।