पुलिस की नौकरी की मजबूरी: तीन महीने से पति और बच्चे से दूरी

कानपुर: लॉकडाउन में हर कोई कहीं न कहीं फंसा है, लेकिन पुलिस और मेडिकल सेवाओं से जुड़े लोगों के कर्तव्य और सेवा के आगे कुछ भी नहीं टिकता। ऐसा ही कुछ कानपुर में है। कानपुर में आज बड़े चौराहे पर वाहन चेकिंग कर रहीं सब-इंस्पेक्टर निशा यादव ने अपनी बात बताई जो किसी को भी भावुक कर सकती है। निशा के पति भी पुलिस में हैं और कानपुर के ग्रामीण क्षेत्र में तैनात हैं। पति से पिछले 3 महीने से मुलाकात नहीं हुई और संक्रमण के डर से बेटे से भी दूर रहती हैं।

आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से जुड़े थोक बाजारों को छोड़ दिया जाए तो कानपुर के ज्यादातर इलाकों में अब भी सन्नाटा ही है। कभी एक साथ सैकड़ों गाड़ियों के आने-जाने का बोझ उठाने वाले बड़े चौराहे पर भी गिनी-चुनी गाड़ियां दिखती हैं। इस बीच कोतवाली पुलिस की एक टीम मंगलवार को गाड़ियां चेक कर रही थी। करीब ही खड़े एसएचओ सजीवकांत मिश्रा ने बताया कि सब-इंस्पेक्टर निशा यादव ने भी निजी जीवन के ऊपर फर्ज को प्राथमिकता दी है। चिलचिलाती धूप से छांव में आईं 2015 बैच की निशा बताती हैं कि उनकी शादी को 10 साल हो चुके हैं। पति शिशुपाल सिंह यादव भी कानपुर के घाटमपुर थाने में तैनात हैं। पति से आखिरी मुलाकात मार्च में हुई थी। इसके बाद कोविड के कारण काम का दबाव बढ़ गया और मुलाकात संभव नहीं हुई। कई बार ऐसा भी होता है कि 2-3 दिन तक फोन पर बात भी नहीं हो पाती है। जब भी फोन मिलाओ तो कोई न कोई व्यस्त होता है। निशा का 7 साल का बेटा है, लेकिन उसकी देखभाल एक रिश्तेदार कर रही हैं। संक्रमण के डर से निशा बेटे से दूर ही रहती हैं। वह कहती हैं, देश सबसे ऊपर है। यह दौर गुजर जाएगा तो सब ठीक हो जाएगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1