Monkeypox Alert: गैर स्थानिक देशों में मंकीपाक्स (Monkeypox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार सक्रिय हो गई है। सरकार ने मंगलवार को एक दिशानिर्देश जारी किया, जिसमें निगरानी, तेजी से पहचान और आइसोलेशन पर जोर दिया गया है। हालांकि, भारत में अभी मंकीपाक्स (Monkeypox) का कोई मामला सामने नहीं आया है। गैर स्थानिक से मतलब ऐसे देशों से हैं जहां यह बीमारी पैदा नहीं हुई है, बल्कि बाहर से आई है। इसमें अमेरिका और यूरोप के कई देश शामिल हैं। पिछले दिनों डब्ल्यूएचओ (WHO) ने ऐसे देशों की संख्या 20 बताई थी, जहां मंकीपाक्स (Monkeypox) के 200 से ज्यादा मामले पाए जा चुके हैं।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी दिशानिर्देश
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी दिशानिर्देश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry issues guidelines) ने इस बीमारी के संभावित प्रसार को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय के तहत नए मामलों की निगरानी और तेजी से पहचान करने पर जोर दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि भले ही देश में मंकीपाक्स (Monkeypox) का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन गैर स्थानिक देशों में इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए तैयार रहने की जरूरत है। इसमें संक्रमण की संभावना वाले क्षेत्रों और संक्रमण के स्त्रोत वाले क्षेत्रों में निगरानी और तेजी से मामलों की पहचान पर विशेष जोर दिया गया है। कोई मामला मिलने पर मरीज को तत्काल आइसोलेशन में रखने और संपर्क में दूसरे लोगों को लेकर भी जानकारी दी गई है। यह भी कहा गया है कि संदिग्ध पाए जाने वाले मामलों के नमूने को जल्द से जल्द आइसीएणआर के पुणे स्थित एनआइवी प्रयोगशाला भेजने की व्यवस्था की जाए।
मंकीपाक्स
वास्तव में मंकीपाक्स (Monkeypox) चेचक की तरह होने वाला एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में अनुसंधान के लिए रखे गए बंदरों में खोजा गया था। चूंकि एक बार बंदर के बीच यह बीमारी फैली थी, इसलिए इसका नाम मंकीपाक्स रखा गया। मानव में मंकीपाक्स (Monkeypox) का पहला मामला 1970 में सामने आया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है। यह वायरस पाक्सविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें चेचक रोग पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं।