Coronavirus ने लोगों को बहुत कुछ ऐसा दिखाया है जो उन्होंने कभी सोचा तक नहीं था। बचपन से लेकर आज तक, हमने कितनी बार ट्रेनों में सफर किया। Train में बेटिकट या कम दर्जे का टिकट लेकर चढ़े पैसेंजर्स को यूनिफॉर्म पहने एक शख्स बेहद डराता था। वो होता है टिकट ट्रेवल एग्जामिनर यानी TTE । उसके कोच में आते ही ऐसे पैसेंजर्स इधर-उधर हो लेते थे। मगर अब ये दौर कम से कम कुछ दिन तो देखने को नहीं मिलेगा। रेलवे ने ट्रायल के तौर पर जो 15 जोड़ी स्पेशल Train चलाने का फैसला किया है, उनमें TTE नहीं होंगे। साथ ही, पहली बार रेलवे यात्रियों से कह रहा है कि वे खाना-पानी लेकर Train में चढ़ें। चादर और कंबल देने से भी रेलवे ने पहली बार इनकार किया है। भारत की Train में सीटें खाली चली जाएं, ऐसा नजारा दुर्लभ है। मगर इस बार सीटें खाली छोड़ना मजबूरी है।
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि राजधानी Special Trains में टीटीई की जरूरत है ही नहीं। उनका कहना है कि Train में चेकिंग स्टाफ की जरूरत तब पड़ती है, जबकि उसमें आरएसी की बुकिंग हो और वेटिंग लिस्ट बना हो। तब Train के रवाना होने पर टीटीई कोच में चढ़े बोनाफाइड पैसेंजर का अटेंडेंस लेते हैं और खाली बची सीटों का वितरण पहले RAC वाले पैसेंजर में करते हैं। यदि तब भी सीटें बची हो तो उसे वेटिंग टिकट वाले पैसेंजर को दे दिया जाता है। अभी चलाये जा रहे राजधानी एक्सप्रेस Special Trains में तो शत प्रतिशत बुकिंग कंफर्म टिकट वालों की है और RAC या वेटिंग लिस्ट बना ही नहीं है। फिर टीटीई को भेजने की कोई जरूरत ही नहीं है।
TTE नहीं होंगे तो यह मत समझिए कि बिना टिकट चढ़ जाएंगे। रेलवे एकदम सतर्क है। स्टेशन पर एंट्री पाने के लिए ही आपको अपना टिकट और पहचान पत्र दिखाना होगा। बिना टिकट स्टेशन में घुसने ही नहीं दिया जाएगा। इसीलिए तो पैसेंजर्स को Train रवाना होने से 90 मिनट पहले स्टेशन पहुंचने को कहा गया है। Railways स्टाफ स्टेशन पर ही टिकट चेक कर लेगा। बीच में Train का स्टॉपेज दो या तीन जगह ही होना है, तो वहां से चढ़ने वाले पैसेंजर्स का टिकट उन्हीं स्टेशंस पर चेक हो जाएगा। इसलिए ट्रेन में TTE की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी। सीट का बवाल भी नहीं होगा क्योंकि सोशल डिसटेंसिंग के तहत एक सीट छोड़कर लोग बैठेंगे।
टीटीई, गार्ड और ड्राइवर जैसे रनिंग स्टाफ के लिए हर बड़े स्टेशनों पर रेल प्रशासन ने रनिंग रूम बना रखा है। वह रनिंग स्टाफ के सोने, खाने की व्यवस्था होती है। अभी जबकि ट्रेनों का मूमवेंट बंद है तो अधिकतर स्टेशनों के रनिंग रूम भी बंद हैं। कुछ स्टेशनों पर इसे आंशिक तौर पर चलाया जा रहा है, वह भी गार्ड और ड्राइवर का। टीटीई का रनिंग रूम तो महीनों से बंद पड़ा है। फिर उनकी ड्यूटी लगाना जरा मुश्किल होगा।
कहां से कहां के लिए चलेंगी ट्रेनें
Railways अधिकारियों के अनुसार, ये AC ट्रेनें नई दिल्ली स्टेशन से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मूतवी के लिए चलेंगी। इनका किराया राजधानी एक्सप्रेस Train के बराबर होगा। AC थ्री-टियर कोचों में, 52 यात्रियों को बैठने की इजाजत होगी। जबकि AC टू-टियर कोचों में 48 पैसेंजर्स बैठ सकेंगे।
टिकट सिर्फ IRCTC पर मिलेगा
इन सभी 15 जोड़ी ट्रेनों के टिकट केवल इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) की वेबसाइट (www.irctc.co.in) या मोबाइल ऐप से ही बुक किए जा सकेंगे। ट्रेनों में एडवांस रिजर्वेशन टाइम पीरियड 7 दिन का रखा गया है। यानी आप यात्रा के 7 दिन पहले अपना Ticket बुक कर सकते हैं। आमतौर पर ट्रेनों में 60 से 120 दिन का एडवांस रिजर्वेशन टाइम मिलता है। किसी भी सूरत में रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (RAC) या वेटिंग टिकट जारी नहीं किए जाएंगे।
कंबल और चादर नहीं मिलेगी
Railways स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों की स्टेशन परिसर में एंट्री से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। डिपार्चर से 15 मिनट पहले यात्रियों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। यात्रियों से अपना खाना और पीने का पानी लेकर आने को कहा गया है। हालांकि पेमेंट करने पर Train में रेडी-टू-ईट भोजन और बोतलंबद पानी मिलेगा। Train में कंबल और बेडशीट नहीं दी जाएगी। यात्रियों को अपने तकिए और कंबल खुद लाने होंगे। SOCIAL DISTANCING के प्रोटोकॉल को सुनिश्चित करने के लिए Train में RPF टीम भी मौजूद होगी।