दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों की ओर से जिस शख्स को ‘शूटर’ बताकर मीडिया के सामने पेश किया गया था, उसने पूछताछ में कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। हरियाणा के सोनीपत निवासी इस शख्स ने कहा है कि वह 19 जनवरी को दिल्ली में अपने एक रिश्तेदार के घर आया था और दिल्ली में पैदल घुसते वक्त ही कुछ लोगों ने उसे अगवा कर उसकी पिटाई की थी।
योगेश ने पूछताछ में कहा कि इन लोगों ने उसपर दबाव बनाते हुए कहा था कि वो लोग जो कहें, उसे मीडिया के सामने वही कहना पड़ेगा। इसके बाद योगेश ने मीडिया के सामने बातचीत करते हुए कहा था कि उसे दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की रैली पर फायरिंग करने के लिए भेजा गया था। हालांकि अब योगेश ने कहा है कि ऐसा कहने के लिए उसे उन प्रदर्शनकारियों ने ही कहा था, जो उसे अगवा करके ले गए थे।
योगेश ने कहा कि अगवा करने वाले लोगों ने उसे कैंप में ले जाकर उसके साथ मारपीट की थी और रात को उसे शराब भी पिलाई थी। योगेश ने अपने दावे में यह भी कहा कि उसके साथ कुछ और युवक भी पकड़े गए थे। बता दें कि योगेश को ही किसान संगठनों ने गुरुवार को मीडिया के सामने पेश किया था और कहा था कि उसे किसानों की ट्रैक्टर रैली पर फायरिंग करने के लिए दिल्ली में भेजा गया था।
इसके बाद योगेश ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि उसे राई थाने के एसएचओ की ओर से ऐसा करने के लिए कहा गया था। हालांकि राई थाने के पुलिस अधिकारियों ने इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि योगेश ने मीडिया के सामने जिस प्रदीप नाम के शख्स को राई थाने का एसएचओ बताते हुए तमाम दावे किए हैं, उस नाम का कोई शख्स थाने में तैनात ही नहीं है।